संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। ज़िला पंचायत राज अधिकारी द्वारा सत्रह सचिवों के विरूद्ध शासकीय धन का दुरुपयोग करने के आरोप में सदर कोतवाली कर्वी में मुकदमा पंजीकृत करवा दिया गया है जिसमें कई सचिवों द्वारा भुगतान नहीं किया गया है फिर भी एफ आई आर दर्ज़ कराई गई है जिसमें जांच अधिकारी द्वारा उपरोक्त मामले की जांच की जा रही है l
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि पूर्व में मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरी द्वारा परिवार रजिस्टर की आन लाइन फीडिंग के निर्देश दिए गए थे जिसमें सभी ग्राम पंचायतों के परिवार रजिस्टर आन लाइन होने थे लेकिन कमप्यूटर आपरेटरों की कमी के चलते परिवार रजिस्टर की आन लाइन फीडिंग सभी ग्राम पंचायतों में नहीं हो सकी थी व कुछ ही ग्राम पंचायतों में फीडिंग हो पाई थी जिसमें परिवार रजिस्टर की आन लाइन फीडिंग का भुगतान दो निजी व्यक्तियों के नाम पर कर दिया गया था जिसपर ज़िला पंचायत राज अधिकारी द्वारा सत्रह सचिवों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करवा दिया गया लेकिन सबसे बड़ी सोचनीय बात यह है कि इन सचिवों द्वारा मुख्य विकास अधिकारी के आदेश का पालन किया गया इसके बावजूद इन पर एफ आई आर दर्ज़ करा दी गई है l
वहीं ज़िला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र चतुर्वेदी व वरिष्ठ सहायक जगदीश वर्मा के भ्रष्टाचारी ख़ूब सुर्खियां बटोर रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र चतुर्वेदी नौकरी भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे चल रही है जिसकी कई बार जॉच हुई व जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है वहीं कनिष्ठ लिपिक सुरेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा ठेकेदारों/सप्लायरों से मिलीभगत कर सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट करवाया जा रहा है जिसमें मनमाने तरीके से स्वीकृति देकर मोटी रकम वसूलने का काम किया जा रहा है ठेकेदारों/सप्लायरों को ज़िला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के स्वीकृति आदेश की सही तरीके से जांच कराई जाय तो ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर हुए बंदरबाट का बड़ा खुलासा हो सकता है लेकिन विभागीय बाबुओं की जांच आखिर कौन कराएगा।
वहीं वरिष्ठ सहायक जगदीश वर्मा द्वारा सफाई कर्मियों के पटल की जिम्मेदारी संभाली जा रही है जो सफ़ाई कर्मचारियों का शोषण करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वरिष्ठ सहायक अपनी मनमानी करते हुए नज़र आते हैं इनके कारनामे इतने चर्चित हैं कि यह जिन सफ़ाई कर्मचारियों को चाहते उनके ऊपर कार्यवाही कराते हैं और उनका निलंबन व बहाली के नाम पर ख़ूब वसूली करते हैं लेकिन सफाई कर्मचारी करें भी तो क्या करें अपने इस विभागीय बाबू की मनमानी के आगे बेबस नज़र आते हैं l
अपर ज़िला पंचायत राज अधिकारी रमेश चन्द्र गुप्ता के कारनामें ज़िले में काफ़ी चर्चित रहें हैं जो सदर ब्लाक कर्वी में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) रहते हुए कई भ्रष्टाचारी कारनामों को अंजाम देने का काम किया था जिसमे शौच मुक्त गांव (ओ.डी.एफ) के नाम पर ख़ूब खेल किया था जिसमें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत ग्राम पंचायतों में बनाए गए शौचालयों के नाम पर बड़ा खेल किया था ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण नही हुआ था लेकिन फर्जी जांच रिपोर्ट लगाकर शासन प्रशासन को गुमराह करने का काम किया गया था वहीं सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य में मनमाने तरीके से सरकारी धन का बंदरबाट किया गया था जिसमें जमकर कमीशनखोरी की गई थी वहीं पंचायती राज विभाग से विकास कार्यों के नाम पर ग्राम पंचायतों को दी गई धनराशि में भी निर्माण कार्यों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा करते हुए शासकीय धन का गबन करने का काम किया गया था जिसमें इंटरलाकिंग खड़ंजा निर्माण कार्य, बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य,टैंकर से पानी सप्लाई, टैंकर मरम्मती करण,हैंडपंप सामग्री, हैंडपंप मरम्मत कार्य,विद्यालयों के कायाकल्प व पंचायत भवनों व सचिवालयों के मरम्मतीकरण के नाम पर बड़ा खेल किया गया था और कमीशनखोरी करते हुए सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) रमेश चन्द्र गुप्ता द्वारा शासकीय धनराशि का बंदरबाट करवाने का काम किया गया था जिसकी जॉच कराई जानी आवश्यक है l
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर परिवार रजिस्टर की आन लाइन फीडिंग पर हुए भुगतान को शासकीय धन का दुरुपयोग करने के नाम पर एफ आई आर दर्ज़ कराई गई है लेकिन ज़िला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र चतुर्वेदी, वरिष्ठ सहायक जगदीश वर्मा व अपर ज़िला पंचायत राज अधिकारी रमेश चन्द्र गुप्ता के भ्रष्टाचारी कारनामों की जांच कराकर कब कार्यवाही होगी l
क्या ज़िला प्रशासन ज़िला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र चतुर्वेदी, वरिष्ठ सहायक जगदीश वर्मा व अपर ज़िला पंचायत राज अधिकारी रमेश चन्द्र गुप्ता द्वारा किए गए शासकीय धन के दुरुपयोग की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही किए जाने का काम किया जायेगा या फिर यह अपनी मनमानी करते हुए ऐसे ही शासकीय धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट करवाते रहेंगे यह एक बड़ा सवाल है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."