चित्रकूट की मऊ तहसील के कोनिया जमीरा ग्राम पंचायत में अवैध खनन चरम पर है। खनन माफिया खुलेआम पत्थर और मिट्टी का दोहन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही नदारद है।
राधेश्याम प्रजापति की रिपोर्ट
चित्रकूट (मऊ तहसील): उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद की मऊ तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोनिया जमीरा में अवैध खनन का गोरखधंधा लगातार फल-फूल रहा है। क्षेत्र के बरगढ़ इलाके में खनन माफियाओं का ऐसा दबदबा है कि प्रशासन भी आंख मूंदे हुए है।
वर्षों से जारी है अवैध खनन
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पिछले चार से पाँच वर्षों से क्षेत्र में अवैध रूप से पत्थर और मिट्टी का खनन किया जा रहा है। खनिज नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए खनन माफिया दिनदहाड़े ट्रैक्टरों में खनिज भरकर ले जा रहे हैं।
अंकुर मिश्रा का नाम आया सामने
सूत्रों के मुताबिक, अंकुर मिश्रा पुत्र सुशील मिश्रा पर अवैध खनन में संलिप्तता के गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है कि वह अपने ट्रैक्टर के माध्यम से बड़ी मात्रा में पत्थर और मिट्टी की ढुलाई करता है। यह भी आरोप है कि इस अवैध खनन के जरिए करोड़ों रुपये की कमाई की जा रही है।
धमकी और दहशत का माहौल
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, अंकुर मिश्रा न केवल अवैध खनन करता है बल्कि विरोध करने पर लोगों को जान से मारने की धमकी भी देता है। उसका कहना है कि “कोई मेरे खिलाफ आवाज उठाएगा तो ट्रैक्टर से कुचल दूंगा या गोली मार दूंगा।” इतना ही नहीं, उसका भाई ननकू मिश्रा पर भी गंभीर आरोप हैं, जिनमें महिलाओं के प्रति अभद्र भाषा और हिंसक कृत्य शामिल हैं।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
सबसे चिंताजनक बात यह है कि स्थानीय तहसील प्रशासन और खनिज विभाग को सब कुछ पता होने के बावजूद अब तक कोई सख्त कार्यवाही नहीं हुई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि या तो प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है या फिर मिलीभगत के कारण आंखें मूंदे हुए है।
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को संज्ञान में लेकर कब आवश्यक जांच और कार्यवाही करेगा? ग्राम समाज और वन विभाग की संपत्ति का निरंतर दोहन आने वाले समय में बड़े पर्यावरणीय और सामाजिक संकट को जन्म दे सकता है।