चित्रकूट के सदर ब्लॉक कर्वी में तैनात स्टेनो मनीष निगम पर भ्रष्टाचार, अवैध खनन और अकूत संपत्ति के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रशासनिक चुप्पी पर उठ रहे हैं सवाल। क्या होगी जांच और कार्रवाई?
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। नाम तो सुना ही होगा… मनीष निगम!
सदर ब्लॉक कर्वी में तैनात स्टेनो मनीष निगम एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। वजह वही पुरानी—भ्रष्टाचार, पद का दुरुपयोग और अवैध गतिविधियों में संलिप्तता।
दरअसल, सदर तहसील कर्वी में एस्टेनो के पद से हटाए जाने के बाद, एक बार फिर मनीष निगम की उसी क्षेत्र में तैनाती कर दी गई है। यह तैनाती केवल संयोग है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश? यह सवाल अब आम जनता और जिम्मेदार अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।
भ्रष्टाचार के आरोप—अब भी कार्रवाई से दूर
स्टेनो मनीष निगम के ऊपर पहले भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप लग चुके हैं। अवैध खनन, अपने सहयोगियों के खिलाफ षड्यंत्र और अकूत संपत्ति अर्जित करने जैसे मामलों में उनका नाम कई बार उछल चुका है।
यह भी उल्लेखनीय है कि इन तमाम आरोपों के बावजूद उन्हें एक बार फिर से जिला मुख्यालय में तैनात कर दिया गया है। यह निर्णय न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
कब खुलेगा मनीष निगम का ‘काला चिट्ठा’?
इतने आरोपों के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों में प्रशासनिक शिथिलता एक परंपरा बन चुकी है?
सबसे अहम सवाल यह है कि मनीष निगम की अकूत संपत्ति की जांच कब होगी?
अगर प्रशासन वास्तव में पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर चलता है, तो अब देर नहीं होनी चाहिए।
संलिप्तता और साजिश—दोनों ही दिशा में गंभीर प्रश्न
स्थानीय सूत्रों की मानें तो मनीष निगम ने अपने कार्यकाल के दौरान न सिर्फ अवैध खनन को बढ़ावा दिया, बल्कि अपने ईमानदार सहयोगियों को भी निशाने पर लिया। उनके खिलाफ साजिशें रची गईं ताकि उन्हें स्थानांतरित किया जा सके और स्वयं को पुनः तैनात कराया जा सके।
अब जनता को है इंतजार—जांच और न्याय का
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल है। ज़िला प्रशासन से अब अपेक्षा की जा रही है कि वो इस गंभीर प्रकरण पर त्वरित जांच कराए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे।
विस्तृत रिपोर्ट के लिए बने रहें…
क्योंकि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई, अब जनता की निगाहों में है।