चित्रकूट में राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद ने पत्रकार नीरज निगम के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई, अन्यथा आंदोलन की चेतावनी।
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट/राजापुर। पत्रकार सुरक्षा को लेकर एक अहम घटनाक्रम में राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद की चित्रकूट इकाई ने बांदा में पत्रकार नीरज निगम के साथ हुई अभद्रता और झूठे मुकदमे के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। परिषद के जिलाध्यक्ष अनिल देवरवा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम राम ऋषि रमन को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
पत्रकार नीरज निगम के साथ हुई घटना से आक्रोश
यह मामला 2 जून 2025 की रात का है, जब बांदा जिले में सीओ सिटी और चौकी प्रभारी सिविल लाइन ने पत्रकार नीरज निगम के साथ न केवल अभद्र व्यवहार किया, बल्कि बिना किसी वैध कारण के उन्हें रातभर कोतवाली में जबरन बैठाकर रखा गया। इसके अलावा, आधी रात को ही उन पर झूठी एफआईआर संख्या 0509 दर्ज की गई।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पत्रकार संगठनों में रोष है और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करार दिया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष अनिल देवरवा ने रखी प्रमुख मांगे
इस अवसर पर राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद, चित्रकूट इकाई के जिला अध्यक्ष अनिल देवरवा ने स्पष्ट रूप से कहा:
“किसी भी पत्रकार साथी के साथ हुए अन्याय को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मुख्य मांगें रखीं:
1. पत्रकार नीरज निगम को झूठे मुकदमे में फंसाने वाले व्यक्तियों –
ऋषभ यादव (पुत्र फूल सिंह)
प्रदीप सिंह (पुत्र विजय बहादुर सिंह)
निलेश श्रीवास (पुत्र जयकरण)
– पर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
2. सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह और चौकी प्रभारी शिवरतन गुप्ता के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर सख्त विधिक कार्रवाई हो।
3. एफआईआर संख्या 0509 में लगाए गए झूठे और निराधार धाराओं को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
4. इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र एवं उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
चेतावनी: सड़कों पर उतरेगा पत्रकार संगठन
परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन राज्यव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगा। ऐसी स्थिति में समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में जिला उपाध्यक्ष सुनील पांडे, ओम प्रकाश, लवकुश यादव, देवी दयाल राजपूत, प्रमोद कुमार, हंसराज सिंह, अंकुर चौधरी, सुनील मिश्रा, अमित पांडे, मनोज द्विवेदी, आलोक पांडे, श्रीष मिश्रा, मनीष मिश्रा, राजेंद्र पांडेय समेत अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।
पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा केवल एक संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव है। यदि पत्रकारों को दबाया जाएगा, तो जनता की आवाज भी दम तोड़ेगी। चित्रकूट से उठी यह आवाज न केवल बांदा के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश में पत्रकार अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है।