निरंकारी राजपिता रमित जी की उत्तर प्रदेश यात्रा मैनपुरी से लखनऊ तक, मानवता को ब्रह्मज्ञान व प्रेम का संदेश देने हेतु। जानें प्रमुख स्थान, उद्देश्य और आयोजन की विस्तृत जानकारी।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ । संत निरंकारी मिशन के पवित्र उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हुए, निरंकारी राजपिता रमित जी उत्तर प्रदेश की धरती पर अपनी दिव्य कल्याण प्रचार यात्रा के अंतर्गत पहुंच रहे हैं। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के मार्गदर्शन में यह यात्रा न केवल सत्य का प्रचार करेगी, बल्कि अज्ञानता, भ्रम और रूढ़ियों के अंधकार को मिटाकर मानवता में एकता, प्रेम और भाईचारे का संचार करेगी।
जोन-61, हरबंशपुर, आजमगढ़ स्थित सत्संग भवन से मीडिया सहायक डॉ. बीरेन्द्र कुमार सरोज ने बताया कि यह यात्रा मैनपुरी, उन्नाव, सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, कुशीनगर और लखनऊ जैसे प्रमुख नगरों में आयोजित होगी। इन स्थानों पर निरंकारी राजपिता जी के आगमन की सूचना मिलते ही श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह और श्रद्धा का माहौल व्याप्त है।
भक्ति और दिव्यता का महाकुंभ
इसके साथ ही, इन सभी स्थानों पर भव्य संत समागम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र होकर न केवल इस आध्यात्मिक आयोजन के साक्षी बनेंगे, बल्कि निरंकारी राजपिता जी के पावन प्रवचनों को श्रवण कर आत्मिक जागरूकता प्राप्त करेंगे। इस दौरान समरसता, विश्वबंधुत्व और आध्यात्मिकता के मूल सिद्धांतों को सुदृढ़ किया जाएगा।
समापन विचार
इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक प्रवचन नहीं, बल्कि मानवमात्र के जीवन को अर्थपूर्ण बनाना है। भक्तगण उल्लासपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं कि कब उन्हें निरंकारी राजपिता जी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा और वे उनके सान्निध्य में जीवन को एक नई दिशा दे सकेंगे।