“आजमगढ़ पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया। गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई, जनता से सहयोग की अपील। पढ़िए पूरी खबर।”
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। जिले के अहरौला थाना क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई के तहत पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। विशेष बात यह रही कि पुलिस ने इस गिरोह पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे अपराधियों में खलबली मच गई है।
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का सरगना शशिकांत पाण्डेय उर्फ सोनू (निवासी आतापट्टी भीमलपट्टी, अहरौला) था। वहीं, गिरोह के अन्य सदस्य दिनेश कुमार पाण्डेय (गहजी, अहरौला, वर्तमान पता लखनऊ), मंजू पाण्डेय (शशिकांत की पत्नी), अमन पाण्डेय, विकास पाण्डेय (दोनों आतापट्टी भीमलपट्टी निवासी) और मानधाता पाण्डेय (देवखरी विजौरा कॉलोनी, कंधरापुर) के रूप में पहचाने गए हैं।
महत्वपूर्ण है कि यह गिरोह जाली दस्तावेज तैयार कर उन्हें असली का रूप देता था और बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर मोटी रकम वसूलता था। नतीजतन, जिले में लोक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और भय के माहौल में पीड़ित शिकायत करने से भी हिचकते थे।
इसके अतिरिक्त, अहरौला थाने में गिरोह के खिलाफ अब तक कुल 15 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी, अपमान और धमकी जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इन मामलों में आरोप पत्र दिनांक 6 और 7 अगस्त 2024 को अदालत में दाखिल किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में विचाराधीन हैं।
आगे बढ़ते हुए, पुलिस ने 16 फरवरी 2025 को गिरोह के विरुद्ध गैंगचार्ट तैयार कर पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट को भेजा था। इसके पश्चात 15 अप्रैल 2025 को संयुक्त बैठक में इसे स्वीकृति मिली, जिसके आधार पर गैंगस्टर एक्ट 1986 की धारा 2(ख)(1)/3(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह कर रहे थे। उनकी टीम में कांस्टेबल प्रशांत कुमार, मुकेश वर्मा, महिला कांस्टेबल बंदना सिंह और चालक झब्बू शामिल थे। ग्राम आलमपुर में गश्त के दौरान स्थानीय नागरिकों से मिली सूचना के आधार पर इस गिरोह का खुलासा संभव हुआ।
अंत में, पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि इस गिरोह से संबंधित कोई भी जानकारी हो, तो उसे नजदीकी थाने में तत्काल साझा करें। साथ ही, गवाहों की सुरक्षा का भी पूर्ण आश्वासन दिया गया है।