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अयोध्या

गुरु गुनहगार…असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के नाम पर लाखों की ठगी, तीन गिरफ्तार, STF की बड़ी कार्रवाई

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उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अयोध्या में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। तीन आरोपी गिरफ्तार, नकद और फर्जी पेपर बरामद। छात्रों के लिए एक बड़ा सबक।

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

अयोध्या। उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षा के नाम पर एक संगठित गिरोह लंबे समय से बेरोजगार छात्रों को ठग रहा था। अब उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने इस गोरखधंधे का पर्दाफाश करते हुए अयोध्या के तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार हुए आरोपियों में हैदरगंज निवासी बेजान पाल, विनय कुमार और पूरा कलंदर निवासी सुनील कुमार शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गैंग का सरगना बेजान पाल स्वयं एक असिस्टेंट प्रोफेसर है और उसका नेटवर्क पिछले 10 वर्षों से सक्रिय था।

कैसे करते थे ठगी का खेल?

दरअसल, यह गिरोह परीक्षा से कुछ दिन पहले ही छात्रों से संपर्क करता था। फिर, उन्हें झांसा दिया जाता कि उनके पास लीक हुआ प्रश्नपत्र है। बेजान पाल छात्रों को उस फर्जी पेपर की एक झलक दिखाता, जिससे उन्हें भरोसा हो जाता कि यही असली परीक्षा में आने वाला है।

इसके एवज में प्रत्येक छात्र से ₹50,000 से ₹2 लाख तक की मोटी रकम वसूली जाती थी। इतना ही नहीं, आरोपी परिजनों तक को झांसे में लेकर विश्वास दिलाते कि उनके बच्चे की नौकरी अब पक्की है। परिणामस्वरूप, कई परिवारों ने अपनी जमा पूंजी तक लुटा दी—कर्ज लेकर, जमीन गिरवी रखकर और किसी भी तरह पैसों की व्यवस्था कर आरोपियों को सौंप दी।

STF ने किया बड़ा खुलासा

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने इन तीनों आरोपियों को लखनऊ के वेब मॉल के पास से गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान पुलिस ने ₹12 लाख नकद, कई फर्जी प्रश्नपत्र, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और अन्य डिजिटल सामग्री बरामद की।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया कि बेजान पाल ही पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड था। वह स्वयं भी शिक्षित है, लेकिन उसने शिक्षा को ही अपना अपराध का माध्यम बना लिया।

शिक्षा के नाम पर अपराध: रामनगरी में नैतिकता पर सवाल

यह मामला इसलिए भी अधिक चिंताजनक है क्योंकि यह पूरा घटनाक्रम अयोध्या जैसे पवित्र शहर में घटा। जहां रामायण काल से नैतिकता और मर्यादा की परंपरा रही है, वहां शिक्षा को इस तरह कलंकित होते देखना दुखद है।

सांकेतिक तस्वीर

यह घटना सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी नहीं है, बल्कि उन छात्रों के लिए भी एक कड़ा सबक है, जो जल्दबाज़ी में शॉर्टकट अपनाकर सफलता पाना चाहते हैं।

छात्रों को क्या सीख लेनी चाहिए?

आज के डिजिटल युग में जहां सूचना की पहुंच आसान है, वहीं फर्जीवाड़े का खतरा भी बढ़ गया है। छात्रों को चाहिए कि वे मेहनत और ईमानदारी के रास्ते को ही अपनाएं। नकली पेपर और शॉर्टकट का रास्ता केवल भ्रम पैदा करता है, मंज़िल नहीं।

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि शिक्षा और नौकरी जैसे पवित्र क्षेत्रों में अपराधी तत्व किस तरह घुसपैठ कर चुके हैं। यूपी एसटीएफ की यह कार्रवाई निश्चित रूप से सराहनीय है, लेकिन समाज और छात्रों को भी अब सतर्क होने की ज़रूरत है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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