
चित्रकूट के मऊ थाना क्षेत्र के ढ़डवार गांव में एक दलित महिला द्वारा सरकारी हैंडपंप लगवाने पर विवाद हो गया। आरोपियों ने जातिसूचक गालियां दीं और जबरन बोरिंग मशीन लौटवा दी। भीम आर्मी के हस्तक्षेप के बाद मामला थाने तक पहुंचा।
चित्रकूट । जनपद चित्रकूट के मऊ थाना अंतर्गत ग्राम ढ़डवार में जल संकट के समाधान हेतु एक महिला द्वारा घर के समीप हैंडपंप लगवाने का प्रयास करना उसके लिए अभिशाप बन गया। यह घटना 16 अप्रैल 2025 को दोपहर लगभग 12 बजे की है, जब अर्चना पत्नी फिरोज, निवासी ग्राम ढ़डवार, ने अपने घर के सामने हैंडपंप लगवाने के लिए बोरिंग मशीन बुलवाई थी।
हालांकि, यह सामान्य प्रयास अचानक ही विवाद का रूप ले बैठा। अर्चना के पड़ोसी हीरालाल तिवारी पुत्र स्व. रामकिशोर उर्फ कल्लू तिवारी तथा अन्य अज्ञात लोगों ने एक राय होकर हाथों में लाठी-डंडे लिए घटनास्थल पर पहुंचकर अर्चना की मां और बहन को अपशब्द कहे, साथ ही जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर उन्हें अपमानित किया। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा, “साली चमारिन, तेरी हिम्मत कैसे हुई दरवाजे पर बोरिंग करने की?”
इसके बाद, जबरन बोरिंग मशीन को लौटवा दिया गया।
अर्चना ने बताया कि जिस स्थान पर वह हैंडपंप लगवा रही थीं, वह एक सरकारी नल की खाली पड़ी हुई जगह है। गांव में साफ पानी की भारी किल्लत है। छोटे-छोटे बच्चे आज भी तालाब से पानी भरते हैं, वहीं नहाते भी हैं। तालाब का पानी न केवल गंदा है, बल्कि बच्चों की जान को खतरे में डाल सकता है। ऐसे में पानी की विकराल समस्या को देखते हुए अर्चना ने स्वयं प्रयास कर बोरिंग मशीन बुलाई थी।
लेकिन दुखद पहलू यह है कि सामाजिक भेदभाव और जातीय मानसिकता ने एक सकारात्मक प्रयास को रोक दिया।
जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया, भीम आर्मी के पदाधिकारी संजय कुमार गौतम जी के निर्देश पर भीम आर्मी की स्थानीय इकाई ने हस्तक्षेप करते हुए पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए मऊ थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।
भीम आर्मी ने प्रशासन से मांग की है कि
- दोषियों के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए।
- दलित महिला को सुरक्षा प्रदान की जाए।
- गांव में साफ पानी की स्थायी व्यवस्था कराई जाए।
अंततः, यह घटना न केवल जल संकट की भयावहता को दर्शाती है, बल्कि समाज में अभी भी व्याप्त जातिगत भेदभाव की दुखद सच्चाई को भी उजागर करती है।
➡️राधेश्याम प्रजापति की विशेष रिपोर्ट — समाचार दर्पण 24 न्यूज़