“श्लोक” से शुरू और “गजल” पर खत्म हुआ यूपी बजट सत्र, क्या हुए बड़े ऐलान, किन योजनाओं पर कितना होगा खर्च?

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का ऐतिहासिक बजट पेश किया, जो राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट है।

विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

इस वर्ष परम पावन तीर्थनगरी प्रयागराज में महाकुंभ-2025 का भव्य आयोजन हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि महाकुंभ 144 वर्षों में आता है। यह हम सभी के लिये ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत देश और पूरे विश्व के लिये परम सौभाग्य का विषय है कि हम अपने जीवनकाल में आस्था, संस्कृति और मानवता के समागम के इस महापर्व के भागी बन सके।

कुम्भ का वर्णन ऋग्वेद एवं अथर्ववेद में मिलता है। यह भारत की प्राचीन सांस्कृतिक एवं धार्मिक अक्षुण्णता का परिचायक है। कुम्भ मात्र एक धार्मिक, सांस्कृतिक मेला ही नहीं है, यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना भी है। प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुम्भ के विषय में पुराणों का यह श्लोक मैं पढ़ना चाहूँगाः

इस दौरान उन्होंने पुराणों के श्लोक से लेकर बशीर बद्र की ग़ज़ल तक पढ़ी, जिससे बजट भाषण को विशेष रूप से रोचक बना दिया।

उन्होंने कहा कि यह बजट पिछले वर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है, जिससे प्रदेश की आर्थिक गति को नई दिशा मिलेगी। प्रदेश की आर्थिक मजबूती, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है। सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर करना है।

इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ-2025 का भव्य आयोजन होने जा रहा है। वित्त मंत्री ने महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए ऋग्वेद और अथर्ववेद में इसके उल्लेख की चर्चा की। उन्होंने श्लोक का पाठ करते हुए बताया

मेष राशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ।

अमावस्या तदा योगः कुम्भख्यस्तीर्थ नायके।।

यानि कि, जब बृहस्पति मेष राशि में और चंद्र-सूर्य मकर राशि में आते हैं, तब प्रयागराज में कुंभयोग बनता है।

कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए भी सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है। किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए विशेष धनराशि आवंटित की गई है।

योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अपराध और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। 2017 से 2024 के बीच प्रदेश के चिन्हित 68 माफिया अपराधियों के 73 अभियोगों में 31 अपराधियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा दिलाई गई। दो अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई गई। महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों में 27,425 मामलों का निस्तारण किया गया, वहीं साइबर अपराध में प्रयुक्त 13,83,232 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए, जिससे उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

बजट में अवस्थापना विकास, शिक्षा, कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हब बनाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी और साइबर सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क की स्थापना की जाएगी।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी छात्राओं को स्कूटी देने की योजना बनाई है। वहीं, स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत लाखों युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए जाएंगे। स्टार्टअप्स को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण को प्रेरणादायक कविताओं और शेरों से सजाया। उन्होंने कहा— “जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पर नज़र है, आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।” इन शब्दों के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकास योजनाओं को सराहा और कहा कि यह बजट प्रदेश को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

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