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कानपुर

‘कहां गए थे डॉक्टर साहब, कितने मरीज देखे.’, डीएम के शोले वाले अंदाज की खूब हो रही चर्चा

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने सभी को फिल्म शोले की याद दिला दी। बैठक में जब डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) से जुड़ी टीम के कार्यों की समीक्षा की, तो एक डॉक्टर की गंभीर लापरवाही उजागर हुई। जब डीएम ने उनसे मरीजों की जांच और गांव में किए गए काम के बारे में पूछा, तो डॉक्टर साहब के पास कोई ठोस जवाब नहीं था, जिससे उनकी पोल खुल गई।

बैठक में हुआ बड़ा खुलासा

जिला स्वास्थ्य समिति की यह बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हो रही थी। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह समीक्षा कर रहे थे और उन्होंने चौबेपुर के मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज से पूछा कि उनकी RBSK टीम आज फील्ड में कहां गई थी। इसके साथ ही टीम के मूवमेंट रजिस्टर को भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

जब रजिस्टर देखा गया, तो उसमें दर्ज था कि डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव ने दोपहर 12:10 बजे फील्ड के लिए प्रस्थान किया। डीएम ने इसे जांचने के लिए डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव के मोबाइल पर कॉल किया और पूछा कि वे कौन से गांव में गए थे। इस पर डॉक्टर चुप्पी साध गए और कोई जवाब नहीं दे पाए।

सच सामने आने पर डीएम की सख्त कार्रवाई

डॉक्टर के मौन रहने पर डीएम ने आगे पूछा कि उन्होंने कितने मरीजों की जांच की। लेकिन इसका भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। जब डीएम ने फटकार लगाई, तो डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव ने आखिरकार कबूल कर लिया कि वे आज फील्ड में गए ही नहीं थे।

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इस लापरवाही पर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चौबेपुर के मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का आदेश दिया।

डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव का आज का वेतन रोकने का निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया।

डीएम ने जारी किए सख्त आदेश

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कड़े निर्देश जारी किए।

1. उपस्थित पंजिका (अटेंडेंस रजिस्टर) को हर दिन सुबह 10:10 बजे तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) या संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा सत्यापित किया जाए।

2. सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (ACMO) को सप्ताह में दो बार रात के समय अस्पतालों का निरीक्षण करने का आदेश दिया गया।

3. निरीक्षण की रिपोर्ट हर हफ्ते जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में प्रस्तुत की जाए।

स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं – डीएम

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डॉक्टरों और मेडिकल टीम की कर्तव्यहीनता से आम जनता को परेशानी होती है, और सरकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता। इसलिए, ऐसे मामलों में तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस बैठक के दौरान डीएम की सख्ती देखकर अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने में सफल होता है या नहीं।

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