चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर शहर में इन दिनों एक पुलिस अधिकारी के कारनामे चर्चा का विषय बने हुए हैं। यह मामला रेलबाजार थाना क्षेत्र के पूर्व थानेदार विजय दर्शन से जुड़ा है। उन पर न केवल 25 लाख रुपये की चोरी के गबन का आरोप लगा है, बल्कि अब एक महिला कांस्टेबल ने भी उन पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। इस प्रकरण ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
महिला कांस्टेबल का आरोप
महिला कांस्टेबल ने अपनी शिकायत में पूर्व थानेदार विजय दर्शन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा है कि विजय दर्शन उसे बार-बार नाइट ड्यूटी में तैनात कर देता था। नाइट ड्यूटी के दौरान विजय दर्शन उसका यौन उत्पीड़न करता था। इस उत्पीड़न से तंग आकर महिला कांस्टेबल ने अपनी शिकायत उच्च अधिकारियों को दी, जिसके बाद यह मामला सामने आया।
जांच के आदेश जारी
कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने महिला कांस्टेबल की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस केस की जांच की जिम्मेदारी यौन उत्पीड़न निवारण समिति (POSH) को सौंपी गई है। हालांकि, महिला कांस्टेबल की शिकायत के बाद भी अब तक विजय दर्शन ने अपना बयान दर्ज नहीं कराया है।
चोरी के 25 लाख रुपये का मामला
विजय दर्शन पर इससे पहले 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में भी गबन का आरोप लगा है। यह मामला कानपुर के बर्रा-6 क्षेत्र की निवासी शिक्षिका शालिनी दुबे के घर से जुड़ा है। करीब तीन महीने पहले शालिनी दुबे के घर से 25 लाख रुपये के आभूषण चोरी हो गए थे। जांच के दौरान पता चला कि विजय दर्शन ने चोरी के आरोपी को पकड़ा था और उससे आभूषण बरामद भी कर लिए थे। लेकिन आरोपी को छोड़कर, विजय दर्शन ने बरामद आभूषण खुद बेच दिए और उसकी रकम हड़प ली।
विभाग की साख पर सवाल
लगातार दो गंभीर आरोपों के बाद विजय दर्शन का यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर रहा है। एक तरफ पुलिस विभाग जनता की सुरक्षा का दावा करता है, वहीं अपने ही विभाग के अधिकारियों के इस तरह के कृत्य न केवल पुलिस की छवि खराब करते हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ाते हैं।
विजय दर्शन के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग जोर पकड़ने लगी है। पुलिस कमिश्नर ने भरोसा दिलाया है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब देखना होगा कि कानपुर पुलिस विभाग इस मामले में कितनी पारदर्शिता और सख्ती बरतता है।