
किलोमीटर फीडिंग के नाम पर ठेकेदार से मांगी घूस, 10 हजार रुपये लेते पकड़ा गया CAI। कानपुर में एंटी करप्शन की बड़ी कार्रवाई।
कानपुर से भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जिलापूर्ति कार्यालय में तैनात वाणिज्य सहायक निरीक्षक (CAI) को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अधिकारी ने एफसीआई से कोटेदारों की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने वाले ठेकेदार से किलोमीटर की फीडिंग के नाम पर रिश्वत की मांग की थी।
पहले मांगे एक लाख, फिर 10 हजार पर हुई डील
जानकारी के अनुसार, ठेकेदार अभिषेक श्रीवास्तव को एफसीआई से कोटेदारों तक खाद्यान्न पहुंचाने का ठेका मिला है। दूरी के आधार पर ही उसका भुगतान होता है। इसके लिए उसने जिलापूर्ति कार्यालय के वाणिज्य सहायक निरीक्षक हिमांशु गुप्ता को दूरी की फीडिंग की सूची सौंपी। शुरुआत में अधिकारी ने टालमटोल किया, फिर कहा कि,
“यह काम फ्री में नहीं होता, पूरा स्टाफ हिस्सा मांगता है।”
इस दौरान आरोपी ने पूरे काम के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। जब ठेकेदार ने इंकार किया, तो बात 10 हजार रुपये पर आकर टिक गई—जो हिमांशु का व्यक्तिगत हिस्सा बताया गया।
एंटी करप्शन टीम ने बिछाया जाल
घूसखोरी से तंग आकर ठेकेदार ने एंटी करप्शन यूनिट से संपर्क किया और पूरा घटनाक्रम जिलाधिकारी को बताया। इसके बाद टीम ने जाल बिछाया—10 हजार रुपये के नोटों को केमिकल पाउडर से चिन्हित किया गया, जिससे घूस लेते ही आरोपी की पहचान हो सके।
जैसे ही ठेकेदार ने हिमांशु गुप्ता को पैसे सौंपे और उसने उन्हें अपने काउंटर के नीचे रखा, तभी टीम ने उसे रंगेहाथ धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद उसे कोतवाली थाना लाया गया और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
पहले से विवादों में रहा अधिकारी
गौरतलब है कि हिमांशु गुप्ता को दो माह पहले ही यूपी राज्य कर्मचारी कल्याण निगम से जिलापूर्ति कार्यालय में संबद्ध किया गया था। वह बर्रा दो इलाके का निवासी है और उसे राशन ले जाने वाले वाहनों की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था। लेकिन तैनाती के कुछ ही समय में उसने ठेकेदारों से अवैध वसूली शुरू कर दी थी।
टीम आज ले जाएगी आरोपी को लखनऊ कोर्ट
एंटी करप्शन टीम ने बताया कि आरोपी को शुक्रवार को लखनऊ कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां आगे की कार्रवाई होगी। इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, और किसी भी स्तर पर घूसखोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट