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कानपुर

शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश की वार्षिक संगोष्ठी सफलतापूर्वक सम्पन्न

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शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश की दो दिवसीय वार्षिक संगोष्ठी कानपुर में संपन्न हुई। प्रमुख शिक्षाविदों के मार्गदर्शन में 81 शिक्षकों को ‘राष्ट्रीय शिक्षा गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया। पढ़ें पूरी जानकारी!

कानपुर : शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक संगोष्ठी 30 एवं 31 मार्च को जुगल देवी सरस्वती विद्या मंदिर, कानपुर में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन ब्लॉक प्रमुख शुभम वाजपेई, संयुक्त निदेशक आर. डी. पाण्डेय एवं प्रबंधक श्री नारायण त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

संगोष्ठी का उद्देश्य और मुख्य बिंदु

मंच के संस्थापक प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि यह मंच 2012 से शिक्षाविद गिजुभाई बधेका के शैक्षिक दर्शन को केंद्र में रखते हुए शिक्षण को आनंदमय बनाने के लिए कार्यरत है। मुख्य अतिथि आर. डी. पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि एक योग्य और संयमित शिक्षक ही समाज और राष्ट्र की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इसके अलावा, डायट प्रवक्ता विपिन शांत ने बेसिक शिक्षा की चुनौतियों और उनके समाधानों पर विस्तृत चर्चा की।

विभिन्न विषयों पर संवाद

कार्यक्रम के दौरान शिक्षा और संस्कार पर श्री नारायण त्रिपाठी, सनातन और शिक्षा पर प्रधानाचार्य हरिप्रसाद शर्मा, बालक के सर्वांगीण विकास पर प्रधानाचार्य विजय श्री, और विद्यालय को आनंदघर बनाने की संकल्पना पर संयोजक दुर्गेश्वर राय ने व्याख्यान प्रस्तुत किया।

वैज्ञानिक प्रयोगों से सजी कार्यशाला

पहले दिन विज्ञान प्रवक्ता प्रदीप यादव एवं दूसरे दिन भौतिकशास्त्री डॉ. एच.सी. वर्मा की संस्था शिक्षा सोपान के डॉ. अमित बाजपेयी और उनकी टीम ने विज्ञान के गुरुत्वाकर्षण, दबाव, क्रिया-प्रतिक्रिया, तरंग, ध्वनि, अनुनाद जैसे सिद्धांतों को खेल और क्राफ्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया।

काव्य संध्या और शैक्षिक भ्रमण

पहले दिन शाम को आयोजित काव्य संध्या में एक दर्जन से अधिक रचनाकारों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों ने बिठूर, ध्रुव टीला महाकालेश्वर मंदिर, सुधांशु आश्रम और इस्कॉन मंदिर का भ्रमण किया एवं नौकायन का आनंद लिया।

सम्मान समारोह

समापन सत्र में विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक ने इस आयोजन की सराहना की। मुख्य अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने शिक्षकों की भूमिका और जल के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान 81 शिक्षक-शिक्षिकाओं को ‘राष्ट्रीय शिक्षा गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षकों में सुनीता वर्मा, रेखा कुशवाहा, सत्य प्रकाश पाण्डेय, निष्ठा दीक्षित, डॉ. रमा दुबे, मंजू वर्मा, अनुराधा दोहरे, आलोक सिंह, प्रतीक्षा त्रिपाठी, ज्योति सिंह, प्रियंका तिवारी, सुलेख विशेषज्ञ डॉ. अनिल त्रिपाठी सहित अन्य कई शिक्षाविद शामिल रहे।

इस संगोष्ठी ने शिक्षा के नए आयाम स्थापित किए और शिक्षकों को ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान किया।

➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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