दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अतर्रा(बांदा)। यात्रा वृत्तांत हिंदी साहित्य की एक महत्वपूर्ण लेखन विधा है। इसमें लेखक लेखनी के द्वारा अपनी की गई यात्रा के अनुभव को रंग भरते हुए रोचक वर्णन करता है जो पाठक को बांध लेता है। यात्रा वृत्तांत शब्दों के माध्यम से पाठक को दुनिया दिखाते हैं। जीवन के अनंत संभावनाओं के साक्ष्य यात्री अपनी आंखों से देखते हैं। एक अच्छा यात्रा वृत्तांत पूर्वाग्रहों एवं स्वीकृत विचारधारा से मुक्त हो वास्तविक एवं तटस्थ होना चाहिए।
उक्त विचार प्रसिद्ध यात्रा वृत्तांत लेखक उमेश पंत ने शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश द्वारा गत दिवस आयोजित यात्रा वृत्तांत लेखन की तृतीय ऑनलाइन कार्यशाला में बतौर संदर्भदाता उपस्थित 80 से अधिक रचनाकार शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के मध्य प्रस्तुत किये। कार्यशाला का आरंभ में संवाद मंच के संस्थापक एवं प्रकाश्य पुस्तक के संपादक प्रमोद दीक्षित मलय ने अतिथि संदर्भदाता एवं सहभागियों का स्वागत कर भूमिका रखते हुए बताया कि इस यात्रा वृत्तान्त संग्रह में बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में कार्यरत एक सौ से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के यात्रा वृत्तांत विधा केंद्रित लेख शामिल होंगे। 2012 में स्थापित शैक्षिक संवाद मंच द्वारा अभी तक छह संग्रह (पहला दिन, हाशिए पर धूप, कोरोनाकाल में कविता, प्रकृति के आंगन में, राष्ट्र साधना के पथिक, स्मृतियों की धूप-छाँव) प्रकाशित किये जा चुके हैं। इस वर्ष यात्रा वृत्तांत एवं डायरी विधा पर संग्रह प्रकाशित किये जायेंगे।
दुर्गेश्वर राय के कुशल संचालन में कार्यशाला में आगे बोलते हुए इनरलाईन पास एवं दूर दुर्गम दुरुस्त जैसी यात्रा वृत्तांत पुस्तकों के लेखक उमेश पंत ने कहा कि यात्रा वृत्तांत में अलग-अलग किरदार के वर्णन के साथ कल्पनाशीलता के भी रंग भरे हों और जीवन की झलक दिखाई दे।
यात्रा वृत्तांत लेखक इतिहासकार की भूमिका में भी होता है, इसलिए संबंधित क्षेत्र की संस्कृति, त्योहार, लोक साहित्य, भूगोल, ऐतिहासिक धरोहर एवं वर्तमान संदर्भ, खानपान एवं पहनावा का भी अंकन करें। स्थानीय भाषा-बोली एवं लहजे के प्रयोग से यात्रा वृत्तांत रोचक एवं आकर्षक बन जाता है। यात्रा वृत्तांत लेखन की पूर्व तैयारी की चर्चा करते हुए उमेश पंत ने कहा की संबंधित स्थान के बारे में पहले रिसर्च कर आवश्यक जानकारी नोट करना एवं स्थानीय व्यक्ति से संवाद करना उचित होता है। संबंधित क्षेत्र से जुड़ी पुस्तकें भी यात्रा वृत्तांत लेखन में सहायक बनती हैं।
यात्री अपने स्थान से एक विस्थापित व्यक्ति होता है, इसलिए लेखन में जिज्ञासा एवं उत्सुकता शामिल होना आवश्यक है। यात्रा वृत्तांत मानव जीवन के गहन अनुभवों का दस्तावेज होते हैं। यात्रा वृत्तांत लिखने के लिए थीम का निर्णय लेखन को भटकने नही देता बल्कि विषय पर केंद्रित रखता है। यात्रा के दौरान फोटो, वीडियो एवं स्केच बना लेना भी लेख लिखते समय सहायक सामग्री के रूप में उपयोगी होता है। लेखन में भाषा की शुद्धता हो, वाक्य छोटे एवं सरल तथा वर्तनी दोष से मुक्त हों तथा तथ्यात्मक संदर्भ शुद्ध हों। एक अच्छा यात्रा वृत्तांत पाठक के मन में यात्रा करने की ललक एवं उत्साह जगाता है। उद्बोधन पश्चात सहभागियों के सवालों के यथोचित जवाब देकर उमेश पंत ने जिज्ञासाओं को शांत किया। आभार प्रदर्शन करते हुए पूर्व आकाशवाणी उद्घोषिका रचनाकार ऋतु श्रीवास्तव ने कहा कि कार्यशाला में उमेश पंत के यात्रा वृत्तांत लेखन सम्बंधी वक्तव्य से सहभागियों ने लेखन के तरीके सीखे-समझे हैं। यह कार्यशाला बहुत उपयोगी रही है।
यात्रा वृत्तांत लेखन कार्यशाला में आभा त्रिपाठी, अभिलाषा गुप्ता, अनिल राजभर, अब्दुर्रहमान, अमिता सचान, शुभा देवी, अनिल वर्मा, अनीता विश्वकर्मा, अनुराधा दोहरे, अर्चना वर्मा, आरती साहू, दीप्ति राय, डॉ. आरती तिवारी, अवनीश कुमार यादव, ज्ञानेश राजपूत, गीता सचदेव, अशोक प्रियदर्शी, दीपक कुमार गुप्ता, डॉ. चैताली यादव, धर्मेंद्र त्रिवेदी, डॉ. शालिनी गुप्ता, दुर्गेश्वर राय, धर्मानंद गोजे, डॉ. सुमन गुप्ता, शैलेष, डॉ. रेखा यादव, डॉ. विभा शुक्ला, इला सिंह, बृजेश राय, जयंती कुंडू, अर्चना सागर, ज्योति दीक्षित, कमलेश कुमार पांडेय, कंचनबाला, कंचन लता, कौसर जहां, कुमुद, माधुरी जायसवाल, मंजू वर्मा, मीना भाटिया, राजेश कुमार, मधु सिंह, महेश चंद्र, मोनिका सिंह, मिनी दोहरी, मोहनलाल सुमन, माधुरी त्रिपाठी, मंजू देवी, मीरा रविकुल, प्रज्ञा राय, प्रतिभा यादव, प्रीति त्रिवेदी, प्रेमनाथ नागर, प्रतिमा यादव समरेंद्र बहादुर, सीमा मिश्रा, शैला राघव, संतोष कुमार, शरद चौहान, शिखारानी सिंघल, रश्मि त्रिपाठी, शिवकुमारी, शिवाली जायसवाल, डॉ. श्रवण गुप्ता, श्रुति त्रिपाठी, स्मृति दीक्षित, सुमन सिंह, रश्मि तिवारी, सुनीता वर्मा, सुषमा मलिक, राजेंद्र प्रसाद राव, रुखसाना बानो, ऋतु श्रीवास्तव, रेखा दीक्षित, रीनू पाल, राजेश कुमारी, डॉ. रमा दीक्षित, रश्मि मिश्रा, वंदना गुप्ता, वत्सला पाठक, वर्षा श्रीवास्तव, डॉ. अरविंद द्विवेदी, विवेक पाठक आदि रचनाकार शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."