google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
राजनीति

तीन सीटें और दांव पर साख इन नेताओं की… सपा की दलित कार्ड चाल समझिए

IMG-20250425-WA1620
IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
Green Modern Medical Facebook Post_20250505_080306_0000
IMG-20250513-WA1941
87 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

आम चुनाव 2024 के नतीजों के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के हौसले बुलंद हैं। अलग अलग वजहों से यूपी में कुल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं।

यह संख्या आपको कम लग सकती है लेकिन इसके होने वाले से असर से सभी राजनीतिक पूरी तरह वाकिफ हैं। इन 10 विधानसभा सीटों में से सबकी नजर तीन खास सीटों पर है।

मिल्कीपुर, कटेहरी और फूलपुर सीट। मिल्कीपुर सीट समाजवादी पार्टी सीट रही है जहां से अवधेश प्रसाद विधायक हुआ करते थे। लेकिन अब वो फैजाबाद से सांसद हैं। 

यह तीनों इसलिए अहम हैं कि क्योंकि सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मिल्कीपुर और कटेहरी की कमान संभाले हुए हैं तो सपा की तरफ से अवेधश प्रसाद को मिल्कीपुर की जिम्मेदारी दी गई है।

वहीं फूलपुर सीट से केशव प्रसाद मौर्य की परीक्षा होनी है जहां से इंद्रजीत सरोज सपा को जीत दिलाने की मोर्चा खोल रखा है। अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो अवधेश प्रसाद और इंद्रजीत सरोज का नाता एससी समाज से है जिसे 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम माना जा रहा है।

तीन दिग्गजों की साख दांव परइस तरह से कटेहरी में सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने शिवपाल यादव हैं। शिवपाल यादव को बेहतर संगठनकर्ता माना जाता है। ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ चाहेंगे कि किसी भी सूरत में मिल्कीपुर और कटेहरी में बीजेपी जीत दर्ज करे। क्योंकि मिल्कीपुर की जीत कुछ हद तक अयोध्या वाली हार को कम कर सकती है।

इसके साथ ही कटेहरी की सीट इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि हाल ही में बीएसपी की जिला पंचायत सदस्य को यहां से जीत हासिल हुई थी।

मिल्कीपुर की जातीय गणितमिल्कीपुर की जातीय गणित पहले मिल्कीपुर सीट पर जातियों की गणित समझिए।

इस विधानसभा में यादव, पासी और ब्राह्मण मुख्य हैं। करीब 65 हजार यादव मतदाता, 60 हजार पासी, ब्राह्मण 50 हजार, मुस्लिम 35 हजार, गैर पासी दलित 50 हजार, मौर्य 8 हजार और ठाकुर मतदाता की संख्या 25 हजार है।

कटेहरी का समीकरण

मिल्कीपुर की तरह कटेहरी भी सपा का गढ़ है। इसका अर्थ यह है कि सपा को इस सीट पर कब्जा बरकार रखने के लिए जोर लगाना होगा। अगर यहां की जातीय गणित को देखें तो कटेहरी में धोबी और पासी समाज की संख्या 95 हजार के करीब है।

ब्राह्मण 50 हजार, कुर्मी 45 हजार, ठाकुर 30 हजार, मुसलमान 40 हजार, निषाद 30 हजार, राजभर 20 हजार, यादव 22 हजार, पाल 7 हजार, मौर्य 10 हजार और अन्य जातियां 25 हजार के करीब हैं। अगर इन जाति समूहों को देखें तो यहां समाजवादी पार्टी मजबूत नजर आ रही है लेकिन पासा पलट सकता है।

फूलपुर में किसे चुभेंगे कांटे

अगर फूलपुर की बात करें तो अनुसूचिक जाति की संख्या 75 हजार, यादव 67 हजार, पटेल 60 हजार, ब्राह्मण 45 हजार, मुस्लिम 50 हजार, वैश्य 16 हजार, निषाद 22 हजार, क्षत्रिय 15 हजार हैं।

यानी कि संख्या बल के हिसाब से यहां समाजवादी पार्टी का पलड़ा भारी है। लेकिन बीएसपी के ताल ठोंकने के बाद तस्वीर बदल सकती है। दरअसल बीएसपी पहले उपचुनाव में शिरकत नहीं करती थी। लेकिन अब मायावती सक्रिय हुईं है और समाजवादी पार्टी सीधे निशाने पर है।

इस सीट के नतीजे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लिए भी है क्योंकि इनका नाता भी इस इलाके से है और फूलपुर लोकसभा से सांसद भी रह चुके हैं। ये अलग बात है कि 2022 में सिराथू विधानसभा से खुद का चुनाव हार गए थे।

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close