
ओडिशा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने योगी की कार्यशैली, भाषा और नीतियों पर सवाल उठाए, साथ ही कांग्रेस और ED को भी कटघरे में खड़ा किया।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है। इस बार मौका था ओडिशा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का, जहां अखिलेश ने न सिर्फ योगी की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि उनकी भाषा और नीतियों पर भी जमकर निशाना साधा।
सबसे पहले, अखिलेश ने सीएम योगी की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तीखा व्यंग्य किया। उन्होंने कहा,
“जब मुख्यमंत्री खुद ‘अंडा’ हों, तो डंडे की बात करेंगे ही।”
यह टिप्पणी सीधे तौर पर योगी आदित्यनाथ की उस बात पर थी जिसमें उन्होंने कानून व्यवस्था के लिए सख्ती की वकालत की थी।
शांति बनाम हिंसा: अखिलेश ने रखी समाजवादी सोच
आगे बढ़ते हुए, अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा शांति और सौहार्द की बात करती है। उन्होंने स्पष्ट किया:
“कहीं भी सांप्रदायिक तनाव हो, हम यह मानते हैं कि हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलता। हिंसा केवल समाज को पीछे धकेलती है।”
इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया:
“हर बार जब हिंसा, आगजनी या दंगे होते हैं, तो उसके पीछे कहीं न कहीं बीजेपी का ही हाथ होता है।”
“कपड़े से कोई योगी नहीं बनता”: अखिलेश ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने गीता का हवाला देते हुए योगी आदित्यनाथ के ‘योगी’ स्वरूप पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा:
“सिर्फ भगवा वस्त्र पहन लेने से कोई योगी नहीं बन जाता। गीता में साफ लिखा है कि जो दूसरे के दुख को अपना दुख समझे, वही सच्चा योगी होता है। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री अपनी भाषा से ही लोगों को दुख दे रहे हैं।”
कांग्रेस और ED पर भी साधा निशाना
इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने याद दिलाया कि जब ED कानून बना था, तब समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा:
“कांग्रेस को पहले ही चेताया गया था कि यह कानून आगे चलकर उसी को नुकसान पहुंचा सकता है। आज वही हो रहा है। महाराष्ट्र में भाजपा के खिलाफ जो भी नेता सामने आया, उसे ED, CBI और आयकर विभाग से डराया गया।”
अखिलेश ने यहां तक कह डाला कि:
“मुझे लगता है कि ED जैसे विभाग को खत्म कर देना चाहिए। जब ED मौजूद है, तो इसका मतलब है कि सरकार अपनी ही एजेंसियों – आयकर विभाग और GST – पर भरोसा नहीं कर रही।”
एक ओर जहां अखिलेश यादव ने बीजेपी और सीएम योगी पर हिंसा फैलाने और कठोर भाषा प्रयोग करने का आरोप लगाया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने कांग्रेस को भी उसकी बनाई नीतियों पर घेरा।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ है कि आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक बयानबाज़ी और वैचारिक टकराव और भी तीव्र हो सकते हैं।
➡️अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट