लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल की चर्चा के दौरान अमित शाह की “रिपीट होंगे” टिप्पणी पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा, “मुंह से निकला रिपीट, मन में था डिलीट!” जानिए योगी, शाह और अखिलेश के बीच इस राजनीतिक नोंकझोंक की पूरी कहानी।
लखनऊ : राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से शब्दों के तीर चलने लगे हैं। बीते मंगलवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान जो हास्यप्रद लेकिन गहरे संकेत देने वाला वाकया हुआ, उसने उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब बोल रहे थे, तभी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीच में टोकते हुए पूछा—”आप हमारे योगी जी के बारे में कुछ कहेंगे?”
इस पर शाह ने तुरंत मुस्कुराते हुए जवाब दिया—”वह भी रिपीट होंगे।”
इस तीखे लेकिन चुटीले उत्तर ने भाजपा सांसदों को ठहाकों में डुबो दिया, वहीं सपा खेमे में एक पल को सन्नाटा छा गया। इस घटनाक्रम के दो दिन बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिये अमित शाह की टिप्पणी पर व्यंग्य बाण चला दिया।
“मन में था डिलीट!” – अखिलेश का करारा पलटवार
शुक्रवार सुबह अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से अखिलेश यादव ने लिखा—
“मुंह से निकला रिपीट, मन में था डिलीट!”
यह बयान कई राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा करता है। दरअसल, अखिलेश पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आउटगोइंग सीएम घोषित कर चुके हैं। उन्होंने बार-बार यह दोहराया है कि भाजपा के दिल्ली और लखनऊ नेतृत्व के बीच सब कुछ ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा था,
“अब बुलडोज़र कोई और चलवा रहा है, क्या विदाई की बेला में पद के साथ पहचान भी छीन लेंगे? यह अच्छी बात नहीं है।”
“कौन से बाबा दिल्ली चले गए?” – अखिलेश की रहस्यमयी टिप्पणी
एक अन्य बयान में अखिलेश यादव ने एक दिलचस्प टिप्पणी की—
“मुझे अखबार से पता चला कि दिल्ली का सबसे अच्छा रिप्लेसमेंट योगी जी हो सकते हैं। अब समझ नहीं आता कि किसका रिप्लेसमेंट होने जा रहा है। कौन से बाबा दिल्ली चले गए? महाकुंभ तो खत्म हो गया। एक विधायक कौन से बाबा को दिल्ली भेजने की बात कर रहे हैं, यह मैं भी नहीं समझ पा रहा हूं।”
इस वक्तव्य से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार और गर्म हो गया है।
“पार्टी की वजह से ही सीएम की कुर्सी पर हूं” – योगी आदित्यनाथ का जवाब
इन तमाम अटकलों और तंजों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा—
“अगर मेरा केंद्रीय नेतृत्व के साथ सामंजस्य नहीं होता, तो क्या मैं मुख्यमंत्री बना रह सकता? मैं पार्टी की वजह से ही इस पद पर हूं। बाकी, कोई कुछ भी बोलता है। किसी का मुंह थोड़ी बंद कर सकता हूं।”
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति अभी काफी गर्म है और शब्दों की जंग चुनावी माहौल को और भी दिलचस्प बना रही है। अमित शाह की चुटकी, अखिलेश का तंज, और योगी का संतुलित उत्तर—तीनों ही अपने-अपने संदेश दे रहे हैं।
➡️अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
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Author: samachardarpan24
जिद है दुनिया जीतने की