Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 10:56 am

लेटेस्ट न्यूज़

करवटें बदलती राजनीति ; सपा ने प्रवक्ता-पदाधिकारियों से कहा, धार्मिक मुद्दों पर न करें बहस

12 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

समाजवादी पार्टी एमएलसी और महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को बैन करने की मांग के बाद शुरू हुई बहस अब हाथापाई तक पहुंच गई है। पार्टी के भीतर भी इसे लेकर विरोध के सुर मुखर हैं। इसको देखते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने नेताओं को ‘मानस विवाद’ सहित धार्मिक मुद्दों से परहेज करने को कहा है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने पदाधिकारियों से लेकर प्रवक्ताओं, पैनलिस्टों से कहा है कि धार्मिक मुद्दा संवेदनशील मुद्दा है। हमें अनायास उससे संबंधित बहसों में नहीं उलझना चाहिए।

स्वामी पिछले तीन हफ्तों से रामचरितमानस को बैन करने की मांग को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं। बयानों के बीच राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद स्वामी के हमले की धार और तेज हो गई है। इसी बीच अखिलेश ने भी कहा दिया कि वह सीएम से पूछेंगे कि क्या भाजपा उन्हें शूद्र मानती है? उनके बयान को भी स्वामी के स्टैंड का समर्थन माना गया। लेकिन, अब इन विवादों के खिंचने और इसकी दिशा हिंदू धर्मग्रंथों से बढ़कर दूसरे धर्मों तक पहुंचने पर सपा ने नेताओं को इससे दूरी बनाने को कहा है।

पार्टी के भीतर भी मानस पर मतभेद

रामचरित मानस को लेकर स्वामी के अभियान के खिलाफ पार्टी के भीतर ही मतभेद दिख रहे हैं। कई विधायकों-पदाधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर न केवल स्वामी के बयान को नकारा है बल्कि उनके ऊपर हमला भी बोला है। सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय, पवन पांडेय, संतोष पांडेय, जूही सिंह, रविदास मेहरोत्रा, आईपी सिंह सहित ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है, जिन्होंने स्वामी के बयान का खुलेआम विरोध किया है। सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने तो स्वामी को ‘विक्षिप्त’ तक कह दिया है।

इससे साफ है कि इस विवाद को लेकर पार्टी के भीतर ही कई नेता असहज हैं। हालांकि, विधायक तुफानी सरोज, ब्रजेश कुमार प्रजापति सहित दूसरे चेहरे जो पहले स्वामी के साथ रह चुके हैं, वे उनके पक्ष में मुखर हैं। इसी बीच बुधवार को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान स्वामी और अयोध्या के हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत राजू दास के बीच मारपीट तक की नौबत आ गई। मानस के बहाने जातीय जनगणना के मुद्दे को मुखर करने की कोशिश इन घटनाओं के चलते बेपटरी होने लगी है।

चौधरी ने याद दिलाई अखिलेश की नसीहत

राजेंद्र चौधरी ने बयान जारी कर गुरुवार को पार्टी पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं, पैनलिस्ट आदि को अखिलेश की नसीहत याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग ध्यान रखें सपा लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद में आस्था रखती है। जातीय जनगणना की मांग भी हम निरंतर करते रहे हैं। हमारा उद्देश्य जनसामान्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर पार्टी की नीति और कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाना है। सत्तारूढ़ दल के बहकावे में नहीं आना है। सभी को सांप्रदायिक मुद्दों पर बहस से परहेज करना चाहिए। हमें राजनीतिक चर्चा और बुनियादी सवालों पर ही पूरा ध्यान बनाए रखना है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़