आजमगढ़ रेलवे स्टेशन पर दिसंबर 2022 में हुई प्रेमिका की निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला। आरोपी प्रेमी धनंजय को उम्रकैद और ₹50,000 जुर्माने की सजा। जानें पूरी कहानी।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ जनपद में एक प्रेम प्रसंग ने दर्दनाक मोड़ तब लिया, जब एक सिरफिरे आशिक ने रेलवे स्टेशन पर दिनदहाड़े अपनी प्रेमिका की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। यह घटना 1 दिसंबर 2022 को गोदान एक्सप्रेस से उतरने के दौरान हुई थी।
प्रेम प्रसंग से लेकर हत्या तक
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतका प्रियंका, निवासी धौरहरा, थाना बिलरियागंज, मई 2022 में अपने चचेरे भाई धनंजय (निवासी शाहपुर, थाना जहानगंज) के साथ घर से भाग गई थी। हालांकि, परिजनों के हस्तक्षेप और दबाव के चलते प्रियंका घर लौट आई थी। इसके बाद उसे मुंबई भेज दिया गया था, ताकि धनंजय से दूरी बनाई जा सके।
इसके बावजूद, धनंजय ने पीछा नहीं छोड़ा और मुंबई पहुंचकर प्रियंका से जबरन मिलने की कोशिश करता रहा। मगर परिवार की सख्ती के चलते वह सफल नहीं हो सका।
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हत्या की वारदात
1 दिसंबर 2022 को प्रियंका अपनी बहन नीलम और परिजनों के साथ गोदान एक्सप्रेस से एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए आजमगढ़ आई थी। जैसे ही वे रेलवे स्टेशन पर उतरे, धनंजय वहां पहले से मौजूद था। उसने अचानक प्रियंका पर हमला कर दिया और चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। यही नहीं, हत्या के बाद उसने खुदकुशी की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया और गिरफ्तार कर लिया।
न्यायालय का फैसला
घटना के बाद जीआरपी थाना में वादिनी नीलम सरोज द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 8 गवाहों को पेश किया।
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अंततः, जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय की अदालत ने 3 साल बाद आरोपी धनंजय को आजीवन कारावास और ₹50,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की आधी राशि मृतका प्रियंका की मां को दी जाए।
यह मामला न केवल कानून के शिकंजे की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि प्रेम संबंधों में जब भावनाएं उग्र रूप ले लेती हैं, तो वह कितनी भयावह परिणति तक पहुँच सकती हैं। इस दर्दनाक घटना ने समाज और कानून दोनों के लिए एक सख्त संदेश छोड़ा है।