चित्रकूट में एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी सिम कार्ड बनाकर साइबर अपराधियों को बेचता था। गिरोह के 6 सदस्य गिरफ्तार, 10,000 से ज्यादा फर्जी सिम एक्टिवेट करने का खुलासा।
राधेश्याम प्रजापति की रिपोर्ट
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों से मिलीभगत कर साइबर अपराध को बढ़ावा देने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई के दौरान गिरोह के सरगना सहित कुल 6 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। यह गिरोह फर्जी तरीके से सिम कार्ड सक्रिय कर साइबर क्रिमिनलों को उपलब्ध कराता था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान ओमप्रकाश अग्रहरि, शिवदयाल निषाद, राहुल पांडे, जितेंद्र कुमार, शिवबाबू और सुरेंद्र सिंह के रूप में हुई है। एसटीएफ ने इनके कब्जे से कई मोबाइल कंपनियों के सिम कार्ड, बायोमेट्रिक स्कैनर और नगदी बरामद की है।
पुराने नेटवर्क का लाभ उठाकर फैला जाल
पूछताछ में यह सामने आया है कि गिरोह का सरगना ओमप्रकाश अग्रहरि वर्ष 2006 में “अग्रहरि कम्युनिकेशन” नामक फर्म बनाकर हच कंपनी से डिस्ट्रीब्यूटरशिप ले चुका था। वर्ष 2009 से 2014 तक शिवदयाल निषाद इसी फर्म में डायरेक्ट सेल्स एग्जिक्यूटिव (DSE) के रूप में कार्यरत रहा। इसी दौरान आरोपियों ने सिम कार्ड के वितरण और सक्रियता की प्रक्रिया में खामियों का फायदा उठाते हुए फर्जी सिम कार्ड बनाने का धंधा शुरू किया।
दो से तीन वर्षों में 10,000 फर्जी सिम हुए एक्टिव
एसटीएफ के अनुसार, पिछले दो से तीन वर्षों में इस गिरोह द्वारा 10,000 से अधिक सिम कार्ड फर्जी तरीके से एक्टिवेट किए गए हैं। इन सिमों का इस्तेमाल साइबर ठगी, ऑनलाइन धोखाधड़ी और डिजिटल अपराधों में किया जाता था। यही नहीं, गिरोह ने सिम कार्ड बेचने के लिए फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक उपकरणों का भी प्रयोग किया।
आगे की जांच जारी, अन्य सदस्यों की तलाश
गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। साथ ही, जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फोरेंसिक परीक्षण कराया जाएगा, जिससे इस नेटवर्क के अन्य कड़ियों तक पहुंचा जा सके।