अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
अखिलेश यादव ने एक मीडिया कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वस्त्र से कोई योगी नहीं होता। सपा सरकार की वापसी का दावा करते हुए बीजेपी को ‘भारतीय जमीनी पार्टी’ बताया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन राजनीतिक तापमान अभी से चरम पर है। ऐसे में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जबरदस्त हमला बोला है। लखनऊ में आयोजित एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान उन्होंने न केवल योगी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, बल्कि भाजपा की कार्यप्रणाली को भी जमकर आड़े हाथों लिया।
“वस्त्र से नहीं, विचार से होता है योगी”
कार्यक्रम की शुरुआत में ही अखिलेश यादव ने कहा,
“वस्त्र पहन लेने से कोई योगी नहीं हो जाता, योगी वो होता है जो विचारों से तपस्वी हो।”
इसी क्रम में उन्होंने योगी आदित्यनाथ की कानून-व्यवस्था संबंधी भाषा को लेकर व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा, “जो खुद अंडा है, वो डंडे की बात करेगा।”
“हम डरने वाले नहीं, संविधान से चलने वाले हैं”
आगे उन्होंने कहा कि
“हम लोकतांत्रिक लोग हैं, संवाद में विश्वास रखते हैं। लेकिन दूसरी ओर कुछ लोग केवल एकवादी सोच रखते हैं। हम संविधान से चलना चाहते हैं, वे मनविधान से।”
इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से दावा किया कि 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही है और वे सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एक्सप्रेस-वे पर कटाक्ष: “सीएम को 4-लेन भी एक्सप्रेसवे लगता है”
अपने संबोधन में अखिलेश ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का ज़िक्र करते हुए कहा,
“हमारे मुख्यमंत्री को एक्सप्रेसवे की समझ नहीं है। वे 4-लेन सड़क को भी एक्सप्रेसवे समझ लेते हैं।”
उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने महज़ 21 महीनों में 323 किमी का एक्सप्रेसवे बनवाया था, जिस पर वायुसेना ने युद्धकालीन अभ्यास भी किया था।
“हाता नहीं भाता”: गोरखपुर विवाद पर तंज
गोरखपुर के हाता इलाके पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा,
“हाता से झगड़ा कोई नया नहीं है, परंतु वर्तमान सरकार को हाता नहीं भाता।”
उन्होंने यह बयान देते हुए सरकार पर पूर्वांचल क्षेत्र की अनदेखी का आरोप भी लगाया।
पार्टी नेताओं को दी सख्त हिदायत
रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर उठे विवाद पर अखिलेश ने अपनी पार्टी के नेताओं को सख्त निर्देश देते हुए कहा,
“ऐतिहासिक मुद्दे जो समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ते हों, उनसे दूर रहना चाहिए। किसी भी धार्मिक या नकारात्मक टिप्पणी से बचना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ऐसे मुद्दों को हवा देकर मुख्य समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।
बीजेपी पर सीधा हमला: “यह भारतीय जनता नहीं, भारतीय जमीनी पार्टी है”
अखिलेश ने बीजेपी पर सबसे तीखा हमला करते हुए उसे ‘भारतीय जमीनी पार्टी’ कह डाला। उन्होंने कहा,
“यह पार्टी जमीन देखकर कब्जा कर लेती है। इनकी असली पहचान पकौड़ा और भगौड़ा है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि
“वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की योजना भाजपा की नहीं, बल्कि सपा शासन के दौरान ही लागू की गई थी।”
साथ ही उन्होंने सशस्त्र बलों को नमन करते हुए कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के समय ही यह फैसला लिया गया था कि जो सैनिक शहीद होगा, सरकार उसे उसके घर तक पहुंचाएगी।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार की योजनाओं, सोच और कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए समाजवादी पार्टी की विचारधारा को जनता के सामने मजबूती से रखा। यह स्पष्ट संकेत है कि भले ही चुनाव दो साल दूर हों, परंतु राजनीतिक युद्धभूमि तैयार हो चुकी है।