जावेद अंसारी की रिपोर्ट
लखनऊ। यूपी की राजधानी में रंगदारी न देने पर व्यापारी का अपहरण करने वाला सिपाही पुलिस संग चोर-सिपाही का खेल खेल रहा है। वह पुलिस टीम पहुंचने से पहले अपने पैतृक घर से भाग निकला। मध्य प्रदेश स्थित ससुराल में होने की सूचना पर दबिश दी तो वहां भी नहीं मिला। उसकी नेपाल में होने की सूचना मिल रही है।
कार बजार में पुरानी और चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त में सिपाही आलोक तिवारी का हाथ सामने आया है। जिसके बाद से पुलिस नेपाल स्थित चोरी की कार खरीदने वाले गिरोह की पड़ताल में जुट गई है।
सूत्रों के अनुसार आरोपी सिपाही के साथियों संग नेपाल में इन्हीं गिरोह की मदद से फरारी काट रहा है। इसको लेकर पुलिस सर्विलांस की मदद ले रही है। जिससे एक आरोपी के विषय में अहम जानकारी हाथ लगी है।
पुलिस विभाग में होने का उठा रहा फायदा, छापेमारी से पहले ही हो जाता फरार
सीतापुर के रामपुर बहादुरपुर निवासी मोहन विश्वकर्मा की किडनैपिंग के आरोपी सिपाही आलोक तिवारी की धरपकड़ के लिए पुलिस की दो टीम लगातार दबिश दे रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आलोक की पुलिस विभाग में अच्छी पकड़ है। जिसका फायदा उठाते ही उसको दबिश की सूचना मिल जाती है। जिससे पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह भाग जाता है।
पुलिस टीम ने सिद्धार्थनगर स्थित घर और एमपी के सतना में स्थित ससुराल में छापेमारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
दो जुलाई को कार बाजार संचालक का किया था अपहरण
मोहन विश्वकर्मा का दो जुलाई को सिपाही आलोक तिवारी ने साथियों संग अपहरण कर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी। मोहन लखनऊ में पुराने फोर-व्हीलर खरीदने और बेचने का काम करते हैं। उनका आरोप था कि आलोक तिवारी ने अपहरण कर विभूति खंड स्थित एमिटी कॉलेज के पास एक किराए के मकान में बंधक बनाकर थर्ड डिग्री दी। कपड़े उतार कर कंरट लगाया और वीडियो भी बनाया था। पैसा देने का वादा करने पर छोड़ा, एक आरोपी गिरफ्तार चौक पुलिस के मुताबिक मोहन ने बताया कि उसके अपहरण में सिपाही आलोक तिवारी और उसके साथियों का हाथ है। जिसमें संजय और विनय को भी पहचानता है। वह पैसा देने के वादा करके छूटा है। उसकी तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना में शामिल बहराइच परखपुर निवासी राहुल को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है।
Author: samachar
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