लखनऊ में सुशांत गोल्फ सिटी में अवैध रूप से रह रहीं तीन विदेशी महिलाओं को हिरासत में लिया गया। एफआरआरओ और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में कई चौंकाने वाले खुलासे, प्लास्टिक सर्जरी और पहचान दस्तावेज़ों की भी हुई जांच।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई के तहत तीन विदेशी महिलाओं को अवैध रूप से रह रहे होने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) और स्थानीय पुलिस ने ओमेक्स न्यू हजरतगंज अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट संख्या 527 पर छापा मारा, जहाँ ये महिलाएं अपने सहयोगियों के साथ रह रही थीं।
बिना पंजीकरण दिए गया किराए का फ्लैट, फ्लैट मालिक भी जांच के घेरे में
शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि फ्लैट मालिक ने विदेशी पंजीकरण कार्यालय या पुलिस को सूचना दिए बिना ही उक्त फ्लैट किराए पर दे दिया था। पुलिस उपनिरीक्षक महेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें विदेशी नागरिकों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। सूचना की पुष्टि होते ही महिला एसआई नेहा सिंह, एसआई प्रतीक शर्मा और आरक्षी धर्मेंद्र सिंह के साथ एफआरआरओ टीम मौके पर पहुंची।
पासपोर्ट और वीजा दो साल से गुम, दस्तावेजों की नहीं है जानकारी
पकड़ी गई महिलाओं ने अपने नाम होलिडा और नीलोफर बताए और दावा किया कि वे उजबेकिस्तान की निवासी हैं। उन्होंने बताया कि भारत में आने के लगभग दो साल बाद से उनके पासपोर्ट और वीजा दस्तावेज खो चुके हैं। इस बात ने जांच को और अधिक गंभीर बना दिया है।
प्लास्टिक सर्जरी और संदिग्ध संबंध: डॉक्टर व ट्रिजिन राज की भूमिका पर सवाल
पूछताछ में एक और नाम सामने आया — लोला कायूमोवा, जो कथित रूप से लंबे समय से भारत में रह रही है और इन महिलाओं को भारत लाने में उसकी प्रमुख भूमिका बताई गई है। यही नहीं, लोला के माध्यम से महिलाओं की मुलाकात डॉ. विवेक गुप्ता से हुई, जो पत्रकारपुरम और अहिमामऊ में मिनर्वा क्लीनिक के संचालक हैं। दोनों महिलाओं का दावा है कि उनकी प्लास्टिक सर्जरी भी इन्हीं डॉक्टर द्वारा कराई गई थी, और इसके बदले अच्छी-खासी रकम भी दी गई थी।
इसके अतिरिक्त, त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा, जो ओमेक्स R1 के फ्लैट 104 और 1103 में रहता है, पर भी महिलाओं को रुकवाने का आरोप है। दोनों आरोपितों पर सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज कर ली गई है।
सेक्स रैकेट की आशंका, पर अभी तक नहीं मिले प्रमाण
हालांकि इस मामले में सेक्स रैकेट की आशंका भी व्यक्त की जा रही है, लेकिन पुलिस ने फिलहाल किसी भी निष्कर्ष से इंकार किया है। डीसीपी दक्षिणी निपुण अग्रवाल ने बताया कि मामले की हर एंगल से गहराई से जांच की जा रही है, और जैसे-जैसे साक्ष्य सामने आएंगे, कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न सिर्फ अवैध विदेशी निवास का है, बल्कि इसमें प्लास्टिक सर्जरी, संदिग्ध गतिविधियां और फर्जी दस्तावेजों के संभावित उपयोग की परतें भी खुल रही हैं। एफआरआरओ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई आने वाले दिनों में और भी खुलासे कर सकती है।