उत्तर प्रदेश में तूफान और बारिश का कहर: 13 की मौत, फसलें बर्बाद, जन-धन का भारी नुकसान

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उत्तर प्रदेश में अचानक बदले मौसम ने कहर बरपाया। तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से 13 लोगों की मौत और कई घायल। अयोध्या, बाराबंकी, बस्ती, अमेठी सहित कई जिलों में जन-धन का भारी नुकसान। फसलें नष्ट, बिजली आपूर्ति बाधित।

नौशाद अली की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में तूफान और बारिश से तबाही: 13 की मौत, कई घायल, फसलों को बड़ा नुकसान।

उत्तर प्रदेश में मौसम की अचानक करवट ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। बृहस्पतिवार की शाम आई तेज़ आंधी, मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि ने न सिर्फ लोगों की जान ले ली, बल्कि खेतों में खड़ी फसलों को भी तबाह कर दिया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

अयोध्या: आंधी और बारिश से पांच की मौत, चार घायल

सबसे ज्यादा तबाही अयोध्या जिले में देखने को मिली, जहां तेज़ हवाओं और मलबे के गिरने से कुल पांच लोगों की मौत हो गई। दीवारें और टिन शेड गिरने के कारण चार अन्य घायल हैं, जिनका इलाज ज़िला अस्पताल में चल रहा है। प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिया है।

बाराबंकी: खेत में सिंचाई कर रहे लोगों पर गिरा टिन शेड

इसी तरह, बाराबंकी जिले के नवाबपुर कोड़ी गांव में आंधी के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ। मेंथा की सिंचाई कर रही फूलमती (40), उनके बेटे राहुल (22) और पोते ध्रुव (6) एक स्कूल के टिन शेड के नीचे जा छिपे, लेकिन तूफान की ताकत के आगे वह शेड टिक नहीं सका। पूरा ढांचा गिर गया, जिससे राहुल गंभीर रूप से घायल हो गया।

असंद्रा: बकरी चराते बच्चों की मौत

असंद्रा क्षेत्र के हकामी गांव में दो मासूम बच्चों, ज्योति (12) और शिवम (13) की जान एक मुर्गी फार्म की दीवार और टिन शेड गिरने से चली गई। दोनों उस समय बकरी चरा रहे थे, जब अचानक तेज़ हवाओं ने निर्माण को गिरा दिया।

अमेठी और बस्ती: आकाशीय बिजली की चपेट में आई ज़िंदगी

वहीं, अमेठी के शुकुल बाजार क्षेत्र में एक महिला की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। इसी प्रकार बस्ती के पिपरपाती गांव में दीनानाथ (55) की भी बिजली गिरने से जान चली गई।

देवरिया: जर्जर दीवार बनी मौत का कारण

तेज़ हवाओं के चलते देवरिया जिले में एक पुरानी दीवार भरभरा कर गिर पड़ी, जिसकी चपेट में आकर एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई।

यातायात बाधित, बिजली गुल

आंधी और तूफान के कारण कई जगहों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर पेड़ गिरने से घंटों ट्रैफिक रुका रहा। कई इलाकों में बिजली के खंभे गिरने से आपूर्ति पूरी रात बाधित रही।

किसानों की मेहनत पर पानी फिरा, फसलें 80% तक नष्ट

इस आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। गेहूं और आम की फसलें तेज़ बारिश और ओलावृष्टि की चपेट में आकर पूरी तरह नष्ट हो गईं। कई किसानों ने बताया कि उनके खेतों में खड़ी फसल का लगभग 80% हिस्सा खराब हो गया है। मंडियों में खुले में रखा गेहूं भीग गया, जिससे व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

इन जिलों में सबसे ज्यादा असर

बलरामपुर, बहराइच, गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, संतकबीरनगर और महराजगंज जैसे जिलों में तूफान का व्यापक असर देखा गया। हालांकि बारिश के कारण तापमान में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन झांसी और आगरा अब भी सबसे गर्म जिलों में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए राहत कार्यों के निर्देश

प्रदेश सरकार ने इस आपदा को गंभीरता से लेते हुए राहत कार्यों को तेज़ कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को त्वरित सर्वेक्षण कर मुआवज़ा वितरण सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने घायलों के समुचित इलाज के निर्देश भी दिए हैं।

प्रशासन करेगा नुकसान का सर्वेक्षण

राज्य सरकार ने राजस्व और कृषि विभाग की टीमें गठित कर दी हैं जो गांव-गांव जाकर जान-माल और फसल के नुकसान का सर्वे करेंगी। इस आधार पर जल्द ही पीड़ित परिवारों को राहत राशि वितरित की जाएगी।

मौसम की यह अचानक मार उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। जहां एक ओर जनहानि का दुखद पहलू है, वहीं दूसरी ओर किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। प्रशासन और सरकार राहत कार्यों में जुट गई है, लेकिन ज़रूरत है कि इस संकट को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए, ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचाव के ठोस इंतज़ाम किए जा सकें।

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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