संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट : चित्रकूट जनपद में 11 से 12 नवंबर के बीच आयोजित ‘जल उत्सव अभियान’ ने छात्रों को जल संरचनाओं और जल संसाधनों के महत्व से रूबरू कराया। इस अभियान का उद्देश्य छात्रों में जल संरक्षण, जल प्रबंधन, और जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। इस पूरे अभियान का नेतृत्व मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर (IAS) के मार्गदर्शन में किया गया। पाँच ब्लॉकों के 121 स्कूलों के 1526 छात्रों ने इस पहल में भाग लिया और जल संरक्षण की महत्ता को समझा।
प्रमुख गतिविधियाँ और अभियान के उद्देश्य
अभियान की शुरुआत 11 नवंबर को हुई, जहाँ छात्रों को स्थानीय पेयजल योजनाओं का दौरा कराया गया। इस दौरे का उद्देश्य छात्रों को जल आपूर्ति तंत्र के कार्य और संचालन के बारे में जानकारी देना था। इसके बाद कक्षाओं में जल संरचनाओं पर विस्तृत व्याख्यान आयोजित किए गए। छात्रों ने सीखा कि जल संरक्षण, वितरण, और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को किस प्रकार समझा और लागू किया जा सकता है। छात्रों को पेयजल परियोजनाओं के महत्व और उनके प्रबंधन के बारे में भी जानकारी मिली।
12 नवंबर 2024 – जल संग्रहण प्रणालियों और बांधों का निरीक्षण
दूसरे दिन, 12 नवंबर को छात्रों को जल संग्रहण प्रणालियों, बांधों और जलाशयों का दौरा कराया गया। इस दौरान उन्होंने 5 प्रमुख बांधों और 41 लघु सिंचाई विभाग की जल संरचनाओं का निरीक्षण किया। भ्रमण के दौरान छात्रों ने समझा कि ये संरचनाएँ जल संरक्षण, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। छात्रों को बांध और बैराज के बीच के अंतर और जल प्रवाह को नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में बताया गया। इस अनुभव ने छात्रों को जल प्रबंधन का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया।
शैक्षिक गतिविधियाँ और छात्रों की सहभागिता
दोनों दिनों में कक्षा के भीतर भी गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें प्रश्नोत्तरी, समूह चर्चाएँ और व्यावहारिक गतिविधियाँ शामिल थीं। इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों को जल संरक्षण की दिशा में जागरूक करना और उन्हें जल प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना था।
भूमिगत जल संरचनाओं का महत्व
अभियान के दौरान छात्रों को जल संरचनाओं के विभिन्न प्रकार और उनके भूमिगत जल संरक्षण में योगदान के बारे में बताया गया। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इन संरचनाओं की उपयोगिता को समझाया गया, साथ ही तालाबों और झीलों की अहमियत पर भी चर्चा की गई। इन जल संरचनाओं के माध्यम से स्थानीय समुदायों को जल संकट से निपटने में कैसे मदद मिलती है, यह भी बताया गया।
जल संरचनाओं के पर्यावरणीय प्रभाव ; बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन
बैराज, तटबंध, और अन्य जल संरचनाएँ बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती हैं। छात्रों को यह समझाया गया कि जल संरचनाएँ स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने और जैव विविधता को बढ़ाने में किस प्रकार सहायक होती हैं। इससे वे प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के उपायों के प्रति संवेदनशील बने।
समुदाय में जागरूकता फैलाने की प्रेरणा
इस अभियान का प्रभाव छात्रों पर गहरा पड़ा। उन्हें यह समझ में आया कि जल का संरक्षण न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। छात्रों को इस अभियान के माध्यम से जल संसाधनों के सही उपयोग और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस अभियान का उद्देश्य छात्रों को प्रेरित करना था ताकि वे अपने समुदायों में जल जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
अभियान की सफलता में अधिकारियों का सहयोग
इस अभियान को खंड विकास अधिकारी मानिकपुर शैलेन्द्र सिंह और खंड विकास अधिकारी रामनगर दिनेश मिश्रा का सहयोग मिला, जिन्होंने अपनी सक्रिय भागीदारी से अभियान को सफल बनाने में योगदान दिया। उनके समर्पण और मार्गदर्शन से यह अभियान एक बड़ी सफलता बन सका।
शानदार भागीदारी और भविष्य के प्रयास
चित्रकूट जनपद में आयोजित इस अभियान में 123730 छात्रों ने भाग लिया, साथ ही 5415 शिक्षकों, ग्राम प्रधानों और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन में सहयोग किया। जल उत्सव अभियान ने छात्रों के जीवन में एक स्थायी प्रभाव छोड़ा और जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित की। इस पहल के माध्यम से जल संकट से निपटने के लिए भविष्य में अधिक से अधिक सक्रिय प्रयासों को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस अभियान ने छात्रों को जल संरचनाओं और जल संसाधनों के प्रति जागरूक कर, जल संरक्षण की दिशा में एक स्थायी और सकारात्मक बदलाव की नींव रखी है।