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November 8, 2024 12:40 pm

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शातिर ठगों की नई चाल ; पैर छूए, प्रसाद खिलाया और फिर जो हुआ… आपको यकीन नहीं होगा

54 पाठकों ने अब तक पढा

संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के अतर्रा नगर में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। जिले में इस तरह का मामला पहली बार दर्ज हुआ है, जहां दो अज्ञात व्यक्तियों ने एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ बेहद चालाकी से ठगी की। यह घटना न सिर्फ अतर्रा बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई है।

कैसे बनी नरेंद्र कुमार ठगी का शिकार?

शनिवार को बांदा रोड निवासी नरेंद्र कुमार गर्ग, जो हिंदू इंटर कॉलेज के हनुमान मंदिर में दर्शन करने गए थे, एक चौंकाने वाली ठगी का शिकार हो गए। मंदिर से बाहर निकलते ही दो अज्ञात व्यक्ति अचानक से उनके पास पहुंचे। इन लोगों ने पहले तो नरेंद्र कुमार के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया, जिससे उनके प्रति एक भरोसा कायम किया। इसके बाद, उन्होंने खुद को नरेंद्र कुमार का रिश्तेदार बताते हुए यह दावा किया कि वे नहर के आगे आयुर्वेदिक कॉलेज के पास एक मिठाई की दुकान खोल चुके हैं और प्रसाद ग्रहण करने के लिए उन्हें अपने साथ चलने का आग्रह किया।

धोखे की चाल में फंसे बुजुर्ग

नरेंद्र कुमार इन दोनों की बातों में आ गए और उनके साथ बाइक पर बैठ गए। लेकिन, यह नहीं समझ पाए कि यह सब एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। दोनों अज्ञात व्यक्ति बड़ी चालाकी से नरेंद्र को अपनी बाइक के बीच में बिठाकर चल पड़े। कुछ दूर चलने के बाद, उन्होंने बाइक को धीरे-धीरे लहराते हुए ऐसा माहौल बनाया कि जैसे कुछ भी सामान्य हो, लेकिन इस दौरान उन्होंने बड़ी सफाई से नरेंद्र की पैंट की जेब में रखे 15,000 रुपये निकाल लिए। सभी नोट 500 रुपये के थे, जिन्हें बड़ी होशियारी से उनकी जेब से उड़ा लिया गया।

धोखेबाजों ने घटना को अंजाम देने के बाद किया फरार

कुछ दूरी पर जाकर उन्होंने बाइक रोकी और नरेंद्र को नीचे उतार दिया। इससे पहले कि नरेंद्र कुछ समझ पाते, दोनों व्यक्ति वहां से तेजी से फरार हो गए। कुछ समय बाद नरेंद्र को अपनी जेब में कुछ असामान्यता महसूस हुई। जब उन्होंने जेब की जांच की, तो पाया कि उनकी जेब कटी हुई थी और उसमें रखे सारे पैसे गायब थे। इस एहसास के साथ ही उनके होश उड़ गए कि वे एक बड़ी टप्पेबाजी का शिकार हो गए हैं।

पुलिस ने शुरू की जांच, सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी

घटना से घबराए हुए नरेंद्र ने तुरंत अपने भाइयों और आस-पास के लोगों को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद वे सीधे थाने पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले की रिपोर्ट दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर तुरंत जांच शुरू कर दी। उपनिरीक्षक दीपक सैनी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का काम शुरू किया। पुलिस को उम्मीद है कि सीसीटीवी फुटेज के जरिए इन दोनों जेबकतरों की पहचान की जा सकेगी।

अतर्रा में पहली बार ऐसी घटना, लोग हैं चिंतित

बांदा जिले के इस छोटे से कस्बे में इस तरह की घटना पहली बार हुई है। इस घटना के बाद से इलाके में लोगों के बीच एक डर का माहौल बन गया है। आमतौर पर मंदिर और धार्मिक स्थलों को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इस घटना ने लोगों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है प्रशासन की चुनौती?

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर पुलिस की गश्त और निगरानी व्यवस्था को और मजबूत किया जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। वहीं, पुलिस के सामने अब चुनौती है कि इन शातिर अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर जनता का भरोसा बहाल किया जाए।

समाज के लिए सबक: कैसे बचें ऐसी ठगी से?

इस घटना ने एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है कि हमें अजनबियों के प्रति थोड़ा सतर्क रहना चाहिए, चाहे वे हमारे सामने कितना भी विश्वसनीय क्यों न दिखें। आजकल ठगों की नई-नई चालें सामने आ रही हैं, जिनसे आम नागरिकों को सावधान रहने की जरूरत है। कुछ बुनियादी सावधानियां, जैसे कि अजनबियों की बातों में ना आना और किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में पुलिस की सहायता लेना, हमें इस तरह की धोखाधड़ी से बचा सकती हैं।

बांदा जिले की इस घटना ने न सिर्फ एक बुजुर्ग व्यक्ति को आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि समाज में सुरक्षा को लेकर एक नई बहस भी छेड़ दी है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और उम्मीद है कि जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

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