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चित्रकूट

नहीं हो रहा था बच्चा, आशा बहू ने कहा- जैसा कहूं वैसा करो बाप बन जाओगे, फिर जो हुआ, किसी नहीं सोचा ….

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। जिले में हाल ही में एक नवजात बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया, जिसमें नया मोड़ तब आया जब यह खुलासा हुआ कि बच्ची के अपहरण के पीछे उसके पिता का ही हाथ था। पिता ने आर्थिक तंगी के चलते अपनी नवजात बेटी को 10 हजार रुपये में एक निसंतान व्यक्ति को बेच दिया था। इस सौदे को अंजाम देने में एक आशा कार्यकर्ता की भी भूमिका रही, जिसे पुलिस ने अन्य चार लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची के पिता की अभी तलाश जारी है।

घटना का विवरण

मारकुंडी थाना क्षेत्र के डोडामाफी गाँव के निवासी सुनील कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी गुंजा देवी को 10 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा हुई थी। सुनील उसे मध्य प्रदेश के सतना जिले के मझगवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहा था, लेकिन रास्ते में दर्द बढ़ने के कारण वह अपनी पत्नी को अपनी बहन के घर टिकरिया ले गया, जहाँ उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया।

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11 अक्टूबर को एक कार में तीन पुरुष और एक महिला उनके घर पहुंचे और खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए कहा कि बच्ची का टीकाकरण किया जाना है और उसे अस्पताल ले जाना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की बात भी कही। सुनील उनकी बातों में आ गया और बच्ची को लेकर उनके साथ गाड़ी में बैठ गया। लेकिन पटेल तिराहा पहुँचने पर उसे फोटोकॉपी कराने के बहाने भेजकर वे लोग बच्ची को लेकर फरार हो गए।

पुलिस की कार्रवाई

अपहरण की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद चित्रकूट के एसपी अरुण कुमार सिंह ने मारकुंडी पुलिस और एसओजी टीम को इस मामले की जांच सौंपी। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस को उस कार का पता चला, जिसका नंबर यूपी-78 एडब्लू-6589 था। इस गाड़ी के मालिक संतोष कुमार मिस्त्री की पहचान होने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिससे अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए। पुलिस ने कौशांबी जिले के अमित पटेल, संतोष कुमार मिस्त्री, सुधीर सिंह उर्फ डॉक्टर, प्रयागराज के जसवंत प्रजापति और चित्रकूट की आशा कार्यकर्ता गुड्डू देवी को गिरफ्तार कर लिया है।

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बच्ची की बिक्री का कारण

पुलिस जांच में पता चला कि जसवंत प्रजापति की शादी 10 साल पहले हुई थी, लेकिन उसे कोई संतान नहीं थी। इसके कारण लोग और उसकी पत्नी उसे ताने मारते थे। जसवंत ने अपने दोस्त सुधीर सिंह उर्फ डॉक्टर से संपर्क किया, जो कौशांबी में एक निजी अस्पताल चलाता है। दोनों ने मिलकर आशा कार्यकर्ता गुड्डू देवी से संपर्क किया, जिसने बच्ची के पिता सुनील कुमार से 10 हजार रुपये में बच्ची का सौदा कराया।

पुलिस की जांच

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों तक पहुंच बनाई और मामले में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया। घटना में संलिप्त बच्ची का पिता अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि बच्ची को बेचने में पिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, इसलिए उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

इस तरह, बच्ची के अपहरण के पीछे की सच्चाई सामने आई, जिसमें आर्थिक तंगी और निसंतान दंपती की पीड़ा प्रमुख कारण बने। पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है और जल्द ही फरार आरोपी को भी पकड़ने का प्रयास कर रही है।

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Author: samachardarpan24

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