इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया । जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चल रहे जिला स्तरीय मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए भारत सरकार की नेशनल टीम ने बुधवार को बैतालपुर ब्लॉक, पथरदेवा और रामपुर कारखाना के क्षेत्रों का दौरा किया।
इस दौरे के दौरान, टीम ने फील्ड में काम कर रहे कर्मियों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन के लिए प्रेरित किया।
मौके पर ही, कुछ लोगों ने टीम के सामने दवा का सेवन किया और उन्होंने अन्य लोगों को भी दवा खाने के लिए जागरूक करने की अपील की।
रामपुर कारखाना के गुद्दीजोर गांव में आशा कार्यकर्ता द्वारा दवा वितरण की जानकारी भी टीम को मिली, जिसे उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश झा के साथ साझा किया।
भारत सरकार की नेशनल टीम में नेग्लेक्टेड ट्रोपिकल डिजीज (एनटीडी) उन्मूलन कार्यक्रम के डॉ. अंबरेश, रनपाल सिंह, और डॉ. विकास भार्गव शामिल थे।
इस टीम ने सबसे पहले बैतालपुर के सिरजम और गुदरी गांव का दौरा किया। वहां, उन्होंने डीए (ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) टीम का फैमिली रजिस्टर जांचा और घर-घर जाकर दवा सेवन करने वाले लोगों से दवा और फाइलेरिया रोग के संबंध में सवाल पूछे।
टीम फाइलेरिया उन्मूलन के सफल क्रियान्वयन से संतुष्ट दिखी और उन्होंने दवा सेवन की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने और जागरूकता बढ़ाने के निर्देश भी दिए। इसके बाद, टीम ने पीएचसी बैतालपुर और पथरदेवा में एमडीए अभियान के तहत डीए टीम के कार्य का निरीक्षण किया।
नेशनल टीम ने पीएचसी पथरदेवा और धुसवा गांव में स्वास्थ्य टीम के फैमिली रजिस्टर, घर-घर सर्वेक्षण, और उन परिवारों के बारे में जानकारी ली जिन्होंने दवा सेवन से इनकार किया था। टीम ने अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के निर्देश दिए।
रामपुर कारखाना के गुद्दीजोर गांव में आशा कार्यकर्ता द्वारा दवा वितरण की जानकारी मिलने पर टीम ने नाराजगी जताई और अभियान के क्रियान्वयन को और अधिक सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए।
बाद में, टीम ने सीएमओ डॉ. राजेश झा से मुलाकात की और अभियान की प्रगति की जानकारी दी। इस पर, सीएमओ ने ब्लॉक में शत-प्रतिशत अच्छादित करने और रिपोर्टिंग को सही ढंग से करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि अब तक 36.19 लाख लक्षित लोगों में से 13.67 लाख लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा चुकी है।
डॉ. अंबरेश ने दौरे के दौरान ग्रामीणों को फाइलेरिया के खतरों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है, जिसे आमतौर पर हाथी पाँव के नाम से जाना जाता है।
यह रोग हाथ, पैर, महिलाओं के स्तन और पुरुषों के अंडकोष (हाइड्रोसिल) को प्रभावित करता है। इसका वाहक क्यूलेक्स मादा मच्छर होता है, जो व्यक्ति को जीवनभर के लिए दिव्यांग बना सकता है। इसके लक्षण 5 से 10 साल बाद दिखाई देते हैं, इसलिए लक्षण हों या न हों, सभी को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए।
उन्होंने सभी को दवा सेवन से इनकार न करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करने की अपील की। उन्होंने यह भी बताया कि यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी को खिलाई जा रही है। इस अभियान से जुड़कर, फाइलेरिया मुक्त प्रदेश और जनपद बनाने में सरकार का सहयोग करें।
इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी चंद्र प्रकाश मिश्रा, सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, और सीफार, पाथ, पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
Author: samachar
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