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बांदा

सब कुछ अपना : पुलिस विभाग समेत विभिन्न विभागों का सरकारी भूमि पर कब्जा

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संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

बांदा। जिले में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन बुंदेलखंड क्षेत्र, जिसमें बांदा शामिल है, इस कार्रवाई से अछूता रहा है। यहां सिंचाई विभाग की नहरों की भूमि पर अवैध कब्जे हो गए हैं। करीब 30 हेक्टेयर भूमि पर 400 से अधिक लोगों ने कब्जा कर रखा है, जिसकी अनुमानित कीमत तीन अरब रुपये बताई जा रही है।

सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध निर्माण और कब्जों की समस्या गंभीर है। यहाँ कुछ जगहों पर आलीशान इमारतें खड़ी हो गई हैं और लोग वहाँ निवास भी कर रहे हैं। विभागीय कार्रवाइयों की कमी के कारण ये कब्जे बढ़ते गए और विभाग के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

अवैध कब्जों की स्थिति

आवास विकास (ए ब्लॉक) : यहाँ 10 लोग 0.12 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा किए हुए हैं। यह भूमि बांदा माइनर एक के किनारे स्थित है।

इंदिरा नगर : यहाँ 8 लोग 0.24 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा कर चुके हैं। यह भूमि भी बांदा माइनर एक के किनारे है।

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जवाहर नगर : यहाँ 0.01 हेक्टेयर भूमि पर एक अवैध कब्जा है, जो कनवारा माइनर के किनारे है।

नरैनी रोड (लड़ाका पुरवा) : 16 लोग 16.064 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा किए हुए हैं। यह भूमि सिंचाई विभाग के नवाब टैंक स्थित कार्यालय के पास है।

तिंदवारी : यहाँ 15 लोगों ने 0.18 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर रखा है, जो बांदा ब्रांच नहर की भूमि है।

पुलिस विभाग का कब्जा

पुलिस विभाग ने भी सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा किया है। कनवारा माइनर की 0.12 हेक्टेयर भूमि पर पुलिस लाइन की बाउंड्री बनी हुई है, जिसकी कीमत सर्किल दर पर 8 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर आंकी गई है।

कार्रवाई और विभागीय पहल

सिंचाई विभाग ने कब्जा हटाने के लिए कानूनी कदम उठाए हैं। विभाग ने केनाल एक्ट के तहत विभागीय मजिस्ट्रेट के यहाँ मुकदमे दर्ज किए हैं। लगभग 50 मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें से कुछ में कब्जाधारकों को नोटिस भी भेजे गए हैं। लेकिन, मुकदमों में अक्सर केवल तारीखें ही बढ़ती हैं, और प्रभावी कार्रवाई की कमी बनी हुई है।

अन्य जनपदों की स्थिति

हमीरपुर : यहाँ सिंचाई विभाग की जमीनों पर अवैध कब्जे हुए हैं और लोग आलीशान भवन बना चुके हैं। विभाग ने कब्जा हटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं, लेकिन प्रभावी कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।

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महोबा : यहाँ 2.845 हेक्टेयर भूमि पर 21 लोगों ने कब्जा कर रखा था। एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स के तहत कार्रवाई कर भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है।

जालौन : यहाँ सिंचाई विभाग की जमीनें अवैध कब्जेदारों के चंगुल में हैं। विभाग ने 163 अवैध कब्जेदारों की पहचान की है, जिनके कब्जे में 2.3155 हेक्टेयर भूमि है।

चित्रकूट : यहाँ विभागीय अधिकारी लगातार नोटिस भेज रहे हैं, लेकिन बहुत कम भूमि पर ही कब्जा हटाया जा सका है। 

इस प्रकार, बांदा और अन्य बुंदेलखंड जनपदों में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की समस्या गंभीर है और इसके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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