आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है। इस सीट से सपा ने तेज प्रताप को चुनावी मैदान में उतारा है।
हालांकि, कन्नौज की सपा यूनिट अभी भी चाहती है कि अखिलेश यादव खुद ही यहां से चुनाव लड़ें। इस संबंध में आखिरी और आधिकारिक फैसला समाजवादी पार्टी के द्वारा ही लिया जाएगा।
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने आखिरी समय में रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ समेत कई सीटों पर उम्मीदवार बदले हैं।
परिवार के ही शिवपाल यादव और धर्मेंद्र को पहले बदायूं से घोषित कर आदित्य को लड़ाया जा रहा है। कन्नौज लोकसभा सीट का चुनाव चौथे चरण में होना है। वहां पर पर्चा दाखिल करने के लिए अब दो ही दिन का समय बचा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाने के पीछे पारिवारिक दवाब माना जा रहा था। साथ ही, तेज प्रताप खुद भी चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं।
कन्नौज लोकसभा सीट से पर्चा भर सकते हैं सपा चीफ
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहले कन्नौज को अपना घर बताने व उसे ना छोड़ने की बात कह चुके हैं। बदले घटनाक्रम के बीच अखिलेश यादव ने अपना फैसला सार्वजनिक नहीं किया है।
वैसे कन्नौज लोकसभा सीट से जो कोई भी नामांकन का पर्चा भरे, उस मौके पर अखिलेश यादव, डिंपल यादव, शिवपाल यादव समेत मुलायम परिवार के अन्य प्रमुख सदस्य जरूर मौजूद रहेंगे।
फिलहाल इस बार अखिलेश यादव के परिवार से पांच सदस्य चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। सबसे पहले मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उतरी है।
आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव उतरे हैं। बदायूं से शिवपाल यादव का बेटा आदित्य यादव मैदान में है। फिरोजाबाद से रामगोपाल यादव का बेटा अक्षय यादव को टिकट मिला है। एक दिन पहले ही तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया गया है।
2019 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ था। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में सुब्रत पाठक को मैदान में उतारा तो उनके सामने समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को टिकट दिया। चुनाव में सपा और बसपा के बीच चुनावी गठजोड़ था।
सुब्रत पाठक को 563,087 वोट मिले जबकि डिंपल को 550,734 वोट मिले। दोनों ने मिलकर चुनाव में 98 फीसदी हासिल कर लिए। असर यह हुआ कि यहां पर मुकाबला बेहद कांटे का हो गया और सुब्रत पाठक ने 12,353 मतों के अंतर से चुनाव में जीत अपने नाम कर लिया।
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
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