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नागरिकता संशोधन कानून ; अपनी डफली अपना राग… अखिलेश, मायावती के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य की भी सुन लीजिए

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने नागरिकता संसोधन कानून को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार 11 मार्च 2024 को नोटिफिकेशन जारी कर देश में CAA लागू कर दिया।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा, “नागरिकता संसोधन विधेयक (CAA) कानून लागू करना केंद्र सरकार का जन विरोधी निर्णय है, जो आदिवासी, दलित, पिछड़ा, गरीब, अल्पसंख्यक विरोधी भी है। सैकड़ों सालों से जंगलो में रहने वाले आदिवासियों तथा घुमन्तु जनजातियों, ग्राम समाज की जमीन पर बसे दलितों, पिछड़ों, गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों के पास आज भी राजस्व अभिलेख उपलब्ध नहीं है, इस कानून के माध्यम से ऐसे करोड़ों लोगों को प्रताड़ित करने व कब्जे से बेदखल कर नागरिकता से वंचित करने की घिनौना साजिश है। इस जन विरोधी कानून की मैं घोर निंदा करता हूं।”

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है, “जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये।”

मायावती ने क्या कहा?

BSP चीफ मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को, अब ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय, इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना ही बेहतर होता।

देश में लागू हुआ CAA

देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। नोटिफिकेशन जारी होते ही CAA पूरे देश में लागू हो गया है। इसका लाभ गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को मिलेगा। केंद्र की ओर से सीएए को लागू करने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के भारत में शरण लेने आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता भी खुल गया है। अब इन तीन देशों से भारत में आए लोगों को नागरिकता मिल सकेगी।

क्या है CAA?

CAA को नागरिकता संशोधन कानून भी कहते हैं। इसमें विदेशियों के नागरिकता का प्रावधान है। तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों पर ये लागू होगा। इन देशों के अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता उन्हें मिलेगी जो 2014 से पहले आए होंगे और धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में आए हैं, जो कम-से-कम 6 साल से भारत में रह रहे होंगे।

किस-किस को मिलेगी भारत की नागरिकता

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तरह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को अब भारत की नागरिकता मिल सकेगी। इनमें हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के लोग शामिल हैं। इस कानून के तहत उन शरणार्थियों को भारती की नागरिकता दी जाएगी जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले नागरिकता के लिए अप्लाई किया था।

कैसे मिलेगी नागरिकता?

नागरिकता की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए सरकार ने पोर्टल तैयार कर लिया है। आवेदकों को भारत में आने का साल बताना होगा, उन्हें इसके लिए कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। किस देश के नागरिक हैं इसके लिए भी प्रूफ नहीं चाहिए, मतलब उनके पास पासपोर्ट या वीजा होना जरूरी नहीं है। ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद गृह मंत्रालय जांच करेगा और जांच के बाद नागरिकता दी जाएगी।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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