जावेद अंसारी की रिपोर्ट
लखनऊ: ऑनलाइन धोखाधड़ी करने का साइबर ठगों का नया पैंतरा सामने आया है। कम ब्याज दर और तत्काल लोन देने का दावा करने वाले कई मोबाइल एप्लीकेशन विभिन्न सोशल मीडिया और इंटरनेट पर है। ऐसे में अगर आपके मोबाइल पर आसान किस्तों में चुकाए जाने वाले लोन से संबंधित कोई मैसेज आए या फिर सोशल मीडिया में ऐसी कोई एप्लिकेशन दिखे तो सावधान रहें। ऐसे मैसेज और एप्लिकेशन मोबाइल यूजर को लालच में फंसाकर उनके साथ ठगी की बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे कई मामले सामने आए है जहां सिर्फ एप्लिकेशन में लोन की जानकारी लेने मात्र से यूजर्स को लाखों की ठगी का सामना करना पड़ा है। लखनऊ में भी ऐसे कई मामले सामने आये है जिसमें महज लोन एप्लिकेशन में जानकारी लेने के बाद उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है।
लखनऊ के आशीष ठगों के शिकार बनने से बचे
लखनऊ में चौक इलाके के रहने वाले आशीष शर्मा का भी ऐसे ही ठगों से सामना हो चुका है। हालांकि सूझ बूझ के चलते वो ठगने से बच गए। दरअसल, आशीष, सोशल मीडिया में अपना खाली वक्त गुजार रहे थे तभी उन्हें सस्ते दर पर लोन मिलने से संबंधित एक वेबसाइट दिखी। उन्होंने वेबसाइट में अपना फोन नंबर डाल जानकारी ली, लेकिन उसके 10 दिन बाद उनके पास अलग-अलग नंबर से व्हाटसप मैसेज आने लगे। उन मैसेज में आशीष को धमकी दी जाने लगी कि 1 महीने के अंदर आप अपना लोन अमाउंट जमा कर दें, अन्यथा आपके घर पर आपको बदनाम किया जाएगा। यही नहीं मैसेज के जरिये उनके अश्लील वीडियो भेज व उनके लोन के पैसे न जमा करने की बात बता बदनामी उनके मित्रों के सामने की जाएगी।
आशीष कहते हैं कि मैसेज में साफ तौर पर ये बताया जाता है कि उनके पास उनके सोशल मीडिया से जुड़े सभी मित्रों की सूची है। उनके मुताबिक उन्होंने सिर्फ जानकारी ली थी न कि कोई लोन अप्लाई किया था उसके बाद भी उन्हें इस तरह के मैसेज मिल रहे है।
आशीष को भेजे गए मैसेज के मुताबिक, आपने रुपी मॉल से 10 हजार रुपये का लोन लिया था। जिसको वापस करने के आखिरी तारीख आज ही है। इस लोन को आज ही जमा कर दें, अन्यथा आपके दोस्तों व परिवार के सामने आपकी बेइज्जती की जाएगी। मैसेज में ये भी धमकी दी जाती है कि यदि धनराशि आज जमा नहीं होती है तो आपको राष्ट्रीय स्तर पर लोन लेने के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।
आशीष बताते हैं जब उनके पास अलग-अलग नम्बर से व्हाट्सअप मैसेज आते है तब वो उन नम्बरों पर कॉल करने पर पता चलता है कि वो नम्बर ग्रामीण इलाकों के उन लोगों के होते है जो स्मार्टफोन तक नहीं चलाते है। इससे साफ होता है कि ठग बड़ी चालाकी से ऐसे ग्रामीण लोगों के नंबर जुटाते हैं जो स्मार्टफोन नहीं चलाते है और उनके नंबर पर खुद व्हाट्सअप चलाते है।
कहते हैं जिम्मेदार ?
लखनऊ साइबर एसीपी दिलीप सिंह का कहना है कि जब तक उनके पास शिकायतें नहीं पंहुचती है तो उन्हें कार्रवाई करने में समस्या आती है। एसीपी लोगों से अपील करते है कि ये जरूरी नहीं है कि जब आपके साथ फ्रॉड हो तब ही साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाएं। फ्रॉड करने की कोशिश करने पर भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। जिससे उनकी टीम ऐसे लोगों पर शिकंजा कस सकें।
Author: samachar
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