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24 December 2024 1:52 am

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लडकियों को बदनाम और ब्लैकमेल करने में यह जिला है अव्वल दर्जे पर

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ ही इससे जुड़े दुरुपयोग के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। मिशन शक्ति अभियान के तहत सामने आए शिकायतों के विश्लेषण से यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और महराजगंज जिलों में लड़कियों को सोशल मीडिया पर बदनाम करने की घटनाएं सबसे ज्यादा हो रही हैं।

गोरखपुर और महराजगंज में सबसे अधिक मामले

गोरखपुर में 97 और महराजगंज में 71 शिकायतें दर्ज की गई हैं। वहीं, देवरिया में 11 और कुशीनगर में सात मामले प्रकाश में आए। यह घटनाएं सिर्फ लड़कों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लड़कियां भी अपनी दुश्मनी निकालने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, करीब 20% मामलों में लड़कियां ही दूसरी लड़कियों को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

सोशल मीडिया के दुरुपयोग के तरीके

इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट करने की घटनाएं बढ़ रही हैं। कई बार किसी लड़की की तस्वीर को एडिट कर, उसके चेहरे को किसी अन्य आपत्तिजनक तस्वीर से जोड़ दिया जाता है। इसके लिए विशेष ऐप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये ऐप्स आसानी से मोबाइल पर उपलब्ध होते हैं, जिनकी मदद से तस्वीरों को एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।

दुश्मनी निकालने का नया तरीका

इन घटनाओं में सहेलियां, पड़ोस की युवतियां या रिश्तेदार लड़कियां भी शामिल हैं। किसी बात से नाराज होकर, ईर्ष्या या जलन के कारण वे सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं। इस दुश्मनी का कारण कभी-कभी किसी व्यक्ति विशेष का अधिक ध्यान प्राप्त करना या किसी अन्य विवाद को लेकर नाराजगी होती है।

जेल गए युवक, लड़कियों पर होती है रियायत

ऐसे मामलों में लड़कों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पिछले एक साल में दर्जनभर युवकों को जेल भेजा गया है। लेकिन लड़कियों को अभी तक जेल नहीं भेजा गया है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि अक्सर वे आरोपी लड़कियां पीड़िता की करीबी या रिश्तेदार होती हैं। परिवारों के बीच मामले सुलझा लिए जाते हैं, और माफी मांगने के बाद शिकायत वापस ले ली जाती है।

समाज के लिए बढ़ती चुनौती

यह समस्या सिर्फ व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के लिए भी बड़ी चुनौती बन रही है। सोशल मीडिया पर बढ़ते दुरुपयोग को रोकने के लिए जागरूकता और कड़े कानूनों की आवश्यकता है। मिशन शक्ति जैसे अभियान इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।

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