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गोरखपुर

पछता रहे होंगे कि सामूहिक विवाह में शादी क्यों नहीं की, बधाई…सीएम खुद आपकी शादी में आए हैं

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संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

गोरखपुर में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 1200 जोड़ों ने नई जिंदगी की शुरुआत की। हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) परिसर में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा, “सोचिए, अगर आपका विवाह घर पर होता तो न मैं आ पाता और न ही मंच पर बैठे जनप्रतिनिधि। आप सभी इतने सौभाग्यशाली हैं कि आपके इस पवित्र बंधन का हिस्सा हम भी बन रहे हैं।”

जाति, क्षेत्र और भाषा का बंधन तोड़ने वाला आयोजन

मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार बताते हुए कहा कि इसमें जाति, भाषा और क्षेत्र का कोई बंधन नहीं है। हिंदू, आर्य समाज और मुस्लिम समुदाय के लोग अपने-अपने रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा समाज की बड़ी समस्या है, और सरकार ने इसे खत्म करने का संकल्प लिया है।

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योगी ने बताया कि पिछले सात वर्षों में 3.84 लाख जोड़ों का विवाह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत कराया गया है। इन विवाहों की खासियत यह है कि इनमें न तो दहेज लिया गया और न ही दिया गया। यह योजना समाज की उन बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो दहेज के कारण शादी नहीं कर पाती थीं।

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गरीब बेटियों को दहेज से बचाने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज रूपी भेड़िये से गरीब बेटियों को बचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके अलावा, उज्ज्वला योजना के तहत हर घर में गैस सिलेंडर पहुंचाया गया है और अब होली और दिवाली पर फ्री सिलेंडर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब सरकार अच्छी होती है, तो समाज में अच्छे काम होते हैं।

51,000 रुपये की सरकारी मदद और उपहार

सामूहिक विवाह योजना के तहत हर विवाह पर 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से 35,000 रुपये कन्या के बैंक खाते में सीधे जमा किए जाते हैं, जबकि बाकी राशि उपहार और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होती है।

वधू के लिए दिए जाने वाले उपहार:

कढ़ाई वाली साड़ी, डेली यूज की साड़ी, चुनरी, चांदी की पायल और बिछुआ।

गृहस्थी के सामान (प्रेशर कुकर, थाली, गिलास, बक्सा, श्रृंगार का सामान)

वर के लिए उपहार:

कुर्ता-पायजामा, पगड़ी,

2663 आवेदन, 1200 शादियां

जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि शादी के लिए 2663 आवेदन आए थे, जिनमें से सत्यापन के बाद 1200 लड़कियों का चयन किया गया। 2017-18 से अब तक गोरखपुर में 8609 सामूहिक विवाह हो चुके हैं। इस साल के आयोजन से यह संख्या और बढ़ गई है।

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यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद कर रहा है, बल्कि समाज में व्याप्त दहेज प्रथा और अन्य कुरीतियों के खिलाफ एक सशक्त संदेश भी दे रहा है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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