राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर । रघुनाथपुर गांव की महिला प्रधान दुर्गावती देवी की प्रधानी छीनने के लिए हत्या की साजिश रची गई थी। उन पर जानलेवा हमला किसी और ने नहीं गांव के पूर्व प्रधान पप्पू शुक्ला ने हिस्ट्रीशीटर संजय यादव के जरिये कराई थी।
दुर्गावती ने भाग कर जान बचाने की कोशिश की लेकिन बदमाशों ने उन्हें दौड़ाकर कनपटी के पास गोली मार दी। गोली चेहरे के पास लगी है। उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं।
पूर्व प्रधान का इरादा वर्तमान प्रधान की हत्या करना था जिससे गांव में दोबारा चुनाव हो और परफॉमेंस ग्रांट के तहत आए करीब नौ करोड़ रुपये के बजट का वह बंदर बांट कर सके। फिलहाल हिस्ट्रीशीटर संजय उर्फ संजू यादव को हरपुर बुदहट क्षेत्र के कटाई टीकर के निकट बाग से सोमवार की सुबह गिरफ्तार कर पुलिस ने 24 घंटे के अंदर घटना का खुलासा कर दिया। घटना में शामिल संजय यादव के दो अन्य साथियों के अलावा पूर्व प्रधान सहित पांच आरोपितों की तलाश जारी है।
एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान प्रधान पर जानलेवा हमले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि हरपुरबुदहट थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के महिला प्रधान दुर्गावती देवी के ऊपर रविवार की देर शाम जान लेवा हमला हमला हुआ था। वह अपने दरवाजे पर बैठी थीं उसी दौरान बाइक से आए बदमाशों ने उनके ऊपर गोली चलाई थी।
सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की तो चुनावी रंजिश की बात सामने आई। महिला प्रधान के बेटे मिथलेश से पूछताछ में पुलिस को कुछ अहम जानकारी मिली। इसी दौरान पता चला कि पूर्व प्रधान 90 लाख रुपये कमीशन की मांग कर रहा था।
वहीं हिस्ट्रीशीटर संजय यादव से भी कुछ दिन पहले मिथलेश की पानी का छींटा पड़ने पर कहासुनी हुई थी। प्रधान पुत्र मिथलेश गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर संजय यादव और पूर्व प्रधान राजेश शुक्ला उर्फ पप्पू शुक्ला तथा चार अज्ञात पर हत्या का प्रयास, साजिश और रंगदारी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने जांच शुरू की और सोमवार की सुबह संजय यादव को गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व प्रधान ने हिस्ट्रीशीटर को तीन लाख में दी थी सुपारी
हरपुरबुदहट थाना क्षेत्र के अनन्तपुर गांव निवासी व थाने के हिस्ट्रीशीटर संजय उर्फ संजू यादव ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पूर्व राजेश शुक्ला उर्फ पप्पू शुक्ला ने प्रधान की हत्या के लिए उसे तीन लाख रुपये की सुपारी दी थी। 50 हजार रुपये एडवांस दिया था। उस पैसे से उसने अपने साथी राजू की मदद से बिहार से 315 बोर का तमंचा मंगाया था।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."