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27 December 2024 9:17 am

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उपचुनाव में कांग्रेस की स्थिति पर बृज भूषण शरण सिंह की तीखी टिप्पणी: ‘हार की संभावना से बच रही है पार्टी’

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला और नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसी चर्चाएं होना स्वाभाविक है। 

जानकारी के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को दो सीटों का प्रस्ताव दिया, जिसे कांग्रेस ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने तर्क किया कि कांग्रेस को पता है कि जिस सीट पर वह अकेले चुनाव लड़ेगी, वहां उसकी हार की संभावना अधिक है। इसी कारण, कांग्रेस ने उन सीटों पर चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है, जिससे पार्टी की आलोचना से बचना चाहती है।

भाजपा की स्थिति पर टिप्पणी

उपचुनाव में भाजपा की संभावनाओं के बारे में बृज भूषण शरण ने कहा कि मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन दोनों ही चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री लगातार दौरे कर रहे हैं।

हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि खाली हुई अधिकांश सीटें समाजवादी पार्टी की हैं, और पार्टी का वोटबैंक स्थिर है। इस स्थिति में कोई तीसरी पार्टी चुनाव में शामिल नहीं हो रही, इसलिए मुकाबला कड़ा होने की संभावना है।

महाराष्ट्र चुनाव को लेकर विचार

महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के संदर्भ में बृज भूषण ने विपक्ष की सीट शेयरिंग पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना पूरी ताकत के साथ थी, तब भी उन्हें सीटें अधिक मिली थीं, लेकिन भाजपा के उम्मीदवारों ने ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की। अब उद्धव ठाकरे की पार्टी को संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि शिवसेना का वास्तविक स्वरूप और उसके अस्तित्व को लेकर विवाद चल रहा है। उद्धव ठाकरे को अपने वोट बैंक के प्रति चिंता है, विशेषकर जब विपक्ष में कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं।

बीजेपी-शिवसेना गठबंधन पर उनके विचार

बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि भाजपा और शिवसेना का संबंध एक पुराना गठबंधन है, जिसे तोड़ना नहीं चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अब इतनी मजबूत हो चुकी है कि अधिक सीटें जीत रही है, लेकिन इस पुरानी साझेदारी को बचाने के लिए बातचीत होनी चाहिए थी। वर्तमान में उद्धव ठाकरे की स्थिति संकटपूर्ण है, क्योंकि एनसीपी और शरद पवार गुट ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है, जिससे चुनाव के बाद राजनीतिक हलचल की संभावनाएं बनी हुई हैं।

कश्मीर में हो रहे हमलों पर टिप्पणी

कश्मीर में हाल के हमलों, जिनमें खासकर यूपी और बिहार के मजदूरों को निशाना बनाया गया, पर बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि गृहमंत्री पहले ही इस मुद्दे पर बयान दे चुके हैं। उन्होंने इस पर अधिक कुछ कहने की आवश्यकता नहीं समझी, लेकिन यह जरूर कहा कि अब्दुल्ला सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदू समुदाय और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

उन्होंने फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान के खिलाफ बयान की सराहना करते हुए कहा कि दोनों सरकारों को मिलकर इन हमलों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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