गोंडा के लक्ष्मणपुर गांव में एक ही रात में सास-बहू की आत्महत्या से मचा हड़कंप। डेढ़ साल का बच्चा अकेला रह गया। पुलिस ने जांच शुरू की, फॉरेंसिक टीम जुटी सबूतों की पड़ताल में।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा, उत्तर प्रदेश: गोंडा जिले के इटियाथोक थाना क्षेत्र स्थित लक्ष्मणपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इसी दौरान, गांव में उस समय सनसनी फैल गई जब एक ही परिवार की दो महिलाओं—सास और बहू—ने एक ही रात में अलग-अलग जगहों पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कुछ देर बाद और दूसरी मौत
जानकारी के मुताबिक, 35 वर्षीय संगीता देवी ने शुक्रवार की शाम अपने घर के कमरे में लगे लोहे के पाइप में साड़ी का फंदा बनाकर जान दे दी। कुछ देर बाद, उसकी 65 वर्षीय सास छोटका देवी का शव गांव से करीब 700 मीटर दूर एक खेत में शीशम के पेड़ से लटकता मिला। फिलहाल, दोनों मौतों के पीछे के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है।
परिवार की स्थिति और सामाजिक पृष्ठभूमि
वहीं, मृतक संगीता का पति दीनानाथ मुंबई में रहकर मेहनत-मजदूरी करता है। उसके परिवार के अन्य सदस्य भी गुजरात और महाराष्ट्र में रोज़गार की तलाश में रहते हैं। घर में केवल संगीता, उसका डेढ़ साल का बेटा जीत उर्फ राजन, सास छोटका देवी और बीमार ससुर बृजलाल रहते थे। इसके पीछे ग्रामीणों का मानना है कि परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, जो संभवतः इस आत्मघाती कदम का कारण बनी।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
प्रथम दृष्टया, पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। जबकि मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) मनोज रावत और क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। फिलहाल, पुलिस जांच में जुटी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
मासूम की किलकारियां और सामाजिक पीड़ा
मृतका का डेढ़ वर्षीय बेटा मासूमियत से पलंग पर खेलता रहा, शायद उसे अभी यह एहसास नहीं कि उसकी मां और दादी अब कभी वापस नहीं आएंगी। यह घटना पूरे गांव को झकझोर गई है और एक बार फिर ग्रामीण भारत में मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक असुरक्षा और सामाजिक दबाव की भयावहता को उजागर कर रही है।