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November 1, 2024 2:00 pm

1 बंदूक, 9 गोली, 4 लाश, 1 FIR… क्या है अमेठी हत्याकांड से कनेक्शन? ये तो बहुत बड़ा जल्लाद निकला… 

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

रायबरेली/अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में दलित परिवार के हत्याकांड ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस इस पूरे हत्याकांड को आपसी रंजिश बता रही है। वहीं यह भी बात सामने आ रही है कि 1 FIR के चलते पूरे परिवार की जान चली गई है। 

शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के अहोरवा भवानी कस्बे के मुख्य चौराहे पर स्थित घर में अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देने लगी। गोलियों की आवाज सुनकर जब लोग घर के अंदर गए तो देखा कि आंगन में सुनील और उसकी पत्नी की लाश पड़ी है। 

मौके से 9 खोखे बरामद

वहीं दूसरे कमरे में उसके दो मासूमों की लाश पड़ी हुई है। पुलिस ने मौके से गोली के 9 खोखे बरामद किए हैं। सूत्रों से जानकारी यह भी मिल रही है कि इस हत्या का आरोपी चंदन वर्मा को हिरासत में ले लिया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि चंदन वर्मा अकेले ही इस नृशंत हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। सुनील मूल रूप से रायबरेली जिले के गदागंज इलाके का रहने वाले थे। हाल ही में उनका अमेठी में ट्रांसफर हुआ था। 

पूनम ने चंदन के खिलाफ दर्ज कराई थी FIR

प्रारंभिक पुलिस जांच में पता चला है कि पूनम ने 18 अगस्त को रायबरेली में चंदन वर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत और छेड़छाड़ के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शिकायत में यह भी कहा गया था, ‘अगर उसे या उसके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए चंदन वर्मा जिम्मेदार होगा।’ अमेठी के पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा था कि इस बात की जांच की जा रही है कि हत्याएं इस मामले से जुड़ी हैं या नहीं। सुनील अपने परिवार में कमाने वाला एकमात्र सदस्य था। शुक्रवार को उनके पिता राम गोपाल ने कहा, ‘हत्यारों का भी यही हश्र देखना चाहता हूं।’

पिता ने कहा

मेरे बेटे ने अपने दम पर मुकाम हासिल किया था। उसने मजदूरी करते हुए पढ़ाई-लिखाई करके नौकरी हासिल की थी। उसकी मेहनत और लगन ने बढ़िया मुकाम पर पहुंचाया था। 

परिवार में वह इकलौता कमाने वाला था। यह बातें बुजुर्ग रामगोपाल ने कही, जिसके सामने कफन में लिपटी हुई बेटे की लाश पड़ी हुई थी। यह कहानी है अमेठी में जघन्य हत्याकांड का शिकार हुए परिवार की। 

पत्नी और उसके प्रेमी के चक्कर में जान गंवाने वाले सुनील भारती की कहानी संघर्षों से भरी हुई है।

मृतक सुनील कुमार भारती के पिता रामगोपाल ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। मजदूरी के बाद वह जैसे ही घर आए उन्हें सूचना मिली कि यह घटना हुई है कि उनके बेटे के साथ-साथ उनकी बहू और बच्चों को मार दिया गया है। 

रामगोपाल ने बताया कि उनका लड़का पहले ईंट भट्ठे पर ईंट पाथने का काम करता था। नरेगा में काम किया मेहनत मजदूरी की दुकान भी खोली।

बुजुर्ग ने भारी मन से बेटे के बारे में बताते हुए कहा कि उसने साथ में पढ़ाई भी जारी रखी। पढ़ाई करके उसने पुलिस की नौकरी भी हासिल की थी। वह एक साल तक पुलिस की नौकरी में रहा। पुलिस की नौकरी में उसका मन नहीं लगा तो उसके बाद उसने सरकारी शिक्षक बनने की ठानी और परीक्षा निकालकर वह सरकारी शिक्षक बन गया।

अमेठी में कंपोजिट विद्यालय पन्हौना के सहायक शिक्षक सुनील कुमार जिले के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के अहोरवा भवानी में परिवार के साथ रहते थे। 

वह मूल रूप से रायबरेली के गदागंज थानांतर्गत सुदामापुर गांव के निवासी थे। पहले वह पुलिस विभाग में सिपाही थे लेकिन बाद में शिक्षक के रूप में उनका चयन हो गया था।

सुनील भारती की तैनाती रायबरेली में ही थी लेकिन दिसंबर 2020 में अमेठी स्थानांतरण हो जाने पर वह यहां आकर किराए के मकान में रहने लगे थे। गुरुवार की शाम सात बजे सुनील अपनी पत्नी और बच्चों के साथ घर में ही थे, जब सनकी आशिक चंदन वर्मा अचानक घर पर आया और एक एक करके सबको गोली से मौत के घाट उतार दिया।

आरोपी अकेले ही बुलेट से टीचर सुनील कुमार के घर पहुंचा और दरवाजा खटखटाया। फिर दरवाजा खुलने पर वह 32 बोर की अवैध पिस्टल से वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया। 

जानकारी के अनुसार वारदात के बाद आरोपी खुद भी गोली मार कर आत्महत्या करना चाहता था। आरोपी ने अपने फोन के स्टेटस पर भी लगाया हुआ था कि पांच हत्याएं होंगी। सूत्रों के मुताबिक अमेठी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है।

Desk
Author: Desk

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