दंपत्ति को समझाने गये सिपाही ने खुद ही लडा लिए इश्क़ और फिर जो किया उसे सुन पूरा अमला है हैरान

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस विभाग को शर्मसार कर दिया है। यहां डायल 112 में तैनात एक सिपाही ने रक्षक की भूमिका से बाहर जाकर एक महिला की हत्या कर दी। यह घटना अमेठी कोतवाली क्षेत्र की आवास विकास कॉलोनी के पास की है, जहां सिपाही ने महिला से प्रेम संबंध स्थापित किया और बाद में उसे मौत के घाट उतार दिया।

पति-पत्नी के झगड़े के दौरान शुरू हुई कहानी

चार महीने पहले दिव्या अग्रहरी और उनके पति आलोक अग्रहरि के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इस झगड़े को सुलझाने के लिए डायल 112 के सिपाही रवि कुमार को बुलाया गया। लेकिन, इस दौरान रवि कुमार ने दिव्या के साथ नजदीकियां बढ़ा लीं। दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम संबंध में बदल गई। रवि कुमार अक्सर दिव्या से मिलने उसके घर आने लगा।

संबंधों में कड़वाहट और हत्या

घटना 28 दिसंबर की है। उस दिन दिव्या का पति आलोक अपनी रेडीमेड कपड़ों की दुकान संभालने के बाद कबाड़ का काम करने बाहर गया हुआ था। इसी दौरान सिपाही रवि कुमार दिव्या से मिलने उसके घर पहुंचा। दिव्या ने रवि पर उसके साथ रहने का दबाव बनाया, जो रवि को नागवार गुजरा। तैश में आकर रवि ने दिव्या की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने शव को दुपट्टे के सहारे दरवाजे की कुंडी से लटका दिया, ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके।

सबूत मिटाने की कोशिश

सिपाही ने घटना को अंजाम देने के बाद सबूत मिटाने की कोशिश की। दिव्या का मोबाइल फोन तोड़कर उसने फेंक दिया और मौके से फरार हो गया।

जांच और आरोपी की गिरफ्तारी

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराया। जांच के दौरान यह साफ हो गया कि हत्या सिपाही रवि कुमार ने की है। दिव्या के पति आलोक की शिकायत पर आरोपी सिपाही के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अमेठी के अपर पुलिस अधीक्षक हरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी रवि कुमार ने अपराध स्वीकार कर लिया है। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

समाज पर गहरा सवाल

इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग की छवि को धूमिल किया है, बल्कि समाज में सुरक्षा और विश्वास पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस सिपाही पर लोगों की सुरक्षा का जिम्मा था, वही एक महिला की जिंदगी का दुश्मन बन गया। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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