कौन है वो मौलाना जिसके कहने पर यूपी पुलिस ने महिलाओं, बच्चों, लडकियों से बर्बरता को अंजाम दिया? दिल दहल उठेगा 👇वीडियो देखकर

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

अमेठी जिले में जमीन के विवाद ने एक दिल दहला देने वाली घटना को जन्म दिया, जिसमें पुलिस ने महिलाओं, लड़कियों, और एक मासूम बच्ची के साथ बर्बरता की। 

घटना से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस विवाद के पीछे एक मौलाना का हाथ है, जिसने जबरन विवादित जमीन पर निर्माण करने का प्रयास किया और पीड़ित परिवार को धमकियाँ दीं कि उनका घर बुलडोजर से गिरा दिया जाएगा।

यह दर्दनाक घटना अमेठी के एक गाँव की है, जहाँ कमाल नामक मौलाना ने जबरन एक विवादित जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया। 

जब पीड़ित परिवार ने इस गैरकानूनी निर्माण का विरोध किया, तो मौलाना ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि अगर उन्होंने विरोध जारी रखा, तो उनके घर को बुलडोजर से गिरा दिया जाएगा। मामला पुलिस तक पहुँचने के बाद, मौलाना ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस की प्रतिक्रिया बेहद चौंकाने वाली और अमानवीय रही। पुलिस शिकायत के आधार पर घटनास्थल पर पहुँची और वहाँ मौजूद महिलाओं, लड़कियों, और एक मासूम बच्ची को उठाकर जमीन पर पटक दिया। 

इस बर्बर कार्रवाई ने पूरे गाँव में आक्रोश फैला दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने योगी सरकार की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की नीति को धूमिल कर दिया है।

अमेठी पुलिस की यह क्रूरता सरकार की नीतियों के खिलाफ जाती है, जो हमेशा महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का दावा करती रही है। ग्रामीणों ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

घटना के बाद से गाँव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा हैं। पुलिस के इस अमानवीय कृत्य ने न केवल पीड़ित परिवार को आघात पहुँचाया है, बल्कि पूरे समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।

अब सभी की निगाहें सरकार और प्रशासन पर हैं, जो इस मामले की गंभीरता से जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों और मौलाना के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की उम्मीद की जा रही है। 

यह घटना समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करती है: क्या महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा केवल कागजों में ही सीमित है, या वास्तव में उनके साथ न्याय होगा? अमेठी की इस घटना ने एक बार फिर से कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब मिलना बाकी है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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