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15 January 2025 9:23 am

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टूट गए अरमान, आंखों के सामने नदी में समा गया पूरा मकान… इतना बेदर्दी से आया पानी

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नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा जिले में सरयू नदी की तेज कटान के कारण साकीपुर के चहलावा गांव में तीन मकान नदी में समा गए हैं। नदी के बढ़ते जलस्तर और कटान से सात और मकानों पर खतरा मंडरा रहा है।

वहीं, घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से तीन सेंटीमीटर नीचे और अयोध्या में 28 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। नदी में कटान और बाढ़ के कारण तरबगंज और कर्नलगंज तहसील के तीन गांवों में आवाजाही के लिए 32 नावें तैनात की गई हैं।

सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने और घटने से कटान की समस्या बढ़ गई है, जिसके कारण साकीपुर के चहलावा गांव में कई मकान पल भर में नदी में समा गए।

इस घटना में अनंतराम यादव, रामभवन, और सोना देवी के घर पूरी तरह नदी की चपेट में आ गए। वहीं, नकछेद, झगरू, गुल्ले, भानू, रामबली, सीताराम, और छट्टू के पक्के मकानों पर भी खतरा बना हुआ है।

गांव के अन्य निवासियों बाऊर, अवधेश और लल्लू के घर पहले ही नदी में बह चुके हैं, और उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इसके साथ ही, दत्तनगर के बाणी माझा में किसान अरविंद के तीन बीघा धान की फसल भी नदी में बह गई है।

कटान से प्रभावित लोगों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। गांव के रामसुफल ने कटान की गंभीरता का जिक्र करते हुए बताया कि नदी के तेज बहाव से कटान हो रही है। इस आपदा के बीच, अनंतराम यादव अपने मकान और अरमानों को नदी में समाते देख फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने बताया कि अब उनके पास न घर बचा है, न ही कोई अन्य ठिकाना।

इस आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। लेखपाल ओम प्रकाश वर्मा ने आश्वासन दिया है कि सरकार और प्रशासन पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ खड़ा है।

कटान प्रभावितों से जरूरी कागजात लेकर मुआवजे के लिए तहसील को भेजा जा रहा है, और उच्चाधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है। फसल कटान से प्रभावित किसानों की सूची भी तैयार की गई है, और उन्हें जल्द ही मुआवजा दिलाने का वादा किया गया है।

एसडीएम तरबगंज विशाल कुमार और एसडीएम कर्नलगंज भारत भार्गव ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।

जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि साकीपुर में मकानों के कटने की सूचना प्राप्त हुई है, और तहसील से रिपोर्ट मांगी गई है। आवागमन के लिए तीन गांवों में 32 नावें चलाई जा रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई जा सके।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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