चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
फेसबुक पर एक आकर्षक लड़की का प्रोफाइल देखकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने का सिलसिला शुरू होता था। जब सामने वाला उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार करता, तो वह लड़की संदेश भेजने लगती।
इस तरह की बातचीत धीरे-धीरे प्यार भरी हो जाती और वॉट्सऐप नंबर की अदला-बदली के बाद असली खेल शुरू होता था।
इस खेल में, लड़की वॉट्सऐप पर न्यूड होकर वीडियो कॉल करती थी, और उसका पति कैमरा लेकर इस वीडियो का रिकॉर्ड बनाता था।
यह कहानी है कानपुर के एक सेक्सटॉर्शन गैंग की, जिसमें पति-पत्नी के साथ-साथ आधा दर्जन से ज्यादा लड़कियों और अन्य लोग भी शामिल थे।
पुलिस के अनुसार, संध्या और इंद्रजीत इस गैंग के मुख्य सदस्य हैं। संध्या ने खुद बताया कि इस घिनौने काम में उसके पति ने ही उसे शामिल किया था। ये दोनों सेक्सटॉर्शन के जरिए लोगों को जाल में फंसाते थे।
इनके गैंग में छह से अधिक लड़कियां और सात अन्य लोग भी शामिल थे, जिनकी भूमिकाएं विभाजित थीं। कुछ गैंग सदस्य फेसबुक पर संभावित शिकार की लिस्ट तैयार करते थे, कुछ लोगों के वॉट्सऐप नंबर इकट्ठा करते थे, और तीन लोग फर्जी सीबीआई और क्राइम ब्रांच अफसर बनकर लोगों को धमकाते थे।
संध्या की फ्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुआ खेल फर्जी आईडी के माध्यम से चलता था। उसकी प्रोफाइल पर एक खूबसूरत लड़की की तस्वीर होती थी।
जैसे ही कोई उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार करता, संध्या उसे संदेश भेजती और प्यार भरी बातचीत शुरू कर देती।
बातचीत के दौरान वह वॉट्सऐप नंबर मांग लेती और फिर रात को वीडियो कॉल करके न्यूड हो जाती। इस दौरान संध्या का पति इंद्रजीत इस वीडियो कॉल का रिकॉर्ड करता था।
इसके बाद, गैंग के सदस्य राहुल सिंह, दीपक कुमार, और रिंकू फर्जी पुलिसकर्मी बनकर शिकार को फोन करते थे। ये लोग वीडियो भेजकर ब्लैकमेल करते और मोटी रकम की मांग करते। यह रकम सहारनपुर जिले के छुटमलपुर में एक फर्जी बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती थी, जिसे गैंग के लोग निकाल लेते थे।
पुलिस के अनुसार, गैंग के सदस्य दशरथ और अनुज मोबाइल नंबर इकट्ठा करते थे, जिनकी ब्लैकमेलिंग से फंसने की संभावना ज्यादा होती थी।
गैंग में शामिल लड़कियों का काम भी यही था कि वे अपने शिकार को इमोशनल ब्लैकमेलिंग के जरिए पैसे ऐंठें।
गैंग के सदस्य टीवी सीरियल देखकर पुलिस के असली अंदाज में बात करते थे और सेक्सटॉर्शन के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के नाम पर भी लोगों को ठगते थे।
Author: samachar
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