google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
आपदा

इन चार कॉल डिटेल में छिपी हुई है बाबा नारायण साकार हरि के फरार होने की कहानी… . 

IMG-20250425-WA1620
IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
Green Modern Medical Facebook Post_20250505_080306_0000
IMG-20250513-WA1941
223 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

हाथरस में हुए हादसे के बाद बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के फरार होने पर पुलिस द्वारा की गई जांच में कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं। पुलिस द्वारा प्राप्त कॉल डिटेल्स के अनुसार, मंगलवार को बाबा को 2:48 पर आयोजक और मुख्‍य सेवादार देव प्रकाश मधुकर का पहली बार फोन आया, जिसमें घटना की जानकारी दी गई। यह बातचीत 2 मिनट 17 सेकंड तक चली।

इसके बाद बाबा की फोन लोकेशन 3 बजे से 4:35 तक मैनपुरी के आश्रम में मिली, इस दौरान बाबा ने तीन अन्य नंबरों पर बात की। पहला नंबर महेश चंद्र का था, जिससे बाबा ने 3 मिनट तक बात की। 

दूसरा नंबर संजू यादव का था, जिससे केवल 40 सेकंड की बात हुई। तीसरा नंबर देव प्रकाश की पत्नी का था, जिससे बाबा ने 11 मिनट 33 सेकंड तक बात की। 

कहा जा रहा है कि आयोजक देव प्रकाश ने अपनी पत्नी के फोन से बाबा से बात की। इसके अलावा, अन्य दो नंबर भी आयोजक समिति के ही थे। इनमें से महेश चंद्र को भी बाबा का खास बताया जा रहा है। 4:35 के बाद बाबा का फोन बंद हो गया और अब तक फोन नहीं उठा।

पुलिस ने कुल 8 जगहों पर छापेमारी की। बाबा को खोजने के लिए 40 पुलिसकर्मियों की अलग से टीम गठित की गई है। हर टीम में 8 मेंबर हैं। 

हरियाणा और दिल्ली भागने की संभावना को ध्यान में रखते हुए टोल प्लाजा से भी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

भोले बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हैं। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में उसकी गहरी पैठ है। 

बाबा का पुराना सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। एटा, मैनपुरी, आगरा, अलीगढ़ जैसे इलाकों में बाबा का इतना प्रभाव है कि राजनीतिक दलों के नेता उसके साथ मंच शेयर करते रहे हैं। 

बाबा के कहने पर उसके अनुयायी नेताओं को चुनाव में मदद भी करते रहे हैं। सियासी प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने कार्यक्रम में स्थानीय पुलिस को अंदर आने की अनुमति नहीं देता था।

सूरजपाल कैसे बना भोले बाबा उर्फ नारायण साकार विष्णु हरि

1997 के दौरान यूपी पुलिस का सिपाही सूरजपाल पुलिस की नौकरी छोड़कर अपने पैतृक गांव बहादुरनगर आया, जो कासगंज जिले की तहसील पटियाली में स्थित है। 

1999 से सूरजपाल ने अपनी पत्नी के साथ एक मारुति 800 कार में आसपास के गांवों में जाकर खुद को बाबा बताकर सत्संग शुरू किया और धीरे-धीरे वह सूरजपाल से भोले बाबा कहलाने लगा। धीरे-धीरे भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई और वह बाबा से नारायण का अवतार बन गया। 

बाबा ने अपने आश्रम के द्वार पर एक मूर्ति बनवाई, जिसमें वह गरुड़ पर बैठा है और हाथ में चक्र धारण किए हुए है। कुछ लोगों का मानना था कि उनके आश्रम में काला जादू जैसी तांत्रिक क्रियाएं भी होती थीं।

सूरजपाल से भोले बाबा और भोले बाबा से नारायण साकार विश्व हरि बनने के बावजूद उसने अपनी वेशभूषा में कोई परिवर्तन नहीं किया। सूट-बूट पहनकर ही सत्संग करता रहा। 2014 तक भोले बाबा ने अपने पैतृक गांव बहादुरनगर के आश्रम में ही सत्संग किया। उसके बाद वह आश्रम को छोड़कर देशभर में अलग-अलग स्थानों पर पंडाल लगाकर सत्संग करने लगा। भोले बाबा के सत्संग में लाखों की भीड़ जुटने लगी। जिस इलाके में उसका सत्संग होता वहां की सड़कों पर जाम लग जाता था।

2 जुलाई को सिकंदराराऊ में भी कुछ ऐसा ही हुआ। अनगिनत लोगों की भीड़ सत्संग में पहुंच गई। 

बाबा सत्संग खत्म कर अपनी कार की ओर जा रहा था, तभी लोगों की भीड़ उसके चरणों की धूल उठाने के लिए दौड़ पड़ी। पैरों की धूल उठाने की होड़ में लोग एक-दूसरे पर चढ़ते गए। देखते ही देखते यह होड़ उनके जीवन की आखिरी दौड़ साबित हुई, और इस हादसे में 121 लोगों की जान चली गई।

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close