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आपदा

संभल हिंसा: अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हालिया हिंसा के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाइयों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है।

यादव का बयान और आरोप

अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा, “किसी को धमकाकर कोरे कागज पर अंगूठा लगवाना भी अपराध है। इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार और प्रशासन पर भी दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। केवल न्यायालय ही न्याय सुनिश्चित करेगा।”

क्या है पूरा मामला?

25 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के बाद 26 नवंबर की रात नईम नामक व्यक्ति के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके घर में घुसकर उन्हें डराया-धमकाया और मीडिया से बात न करने की चेतावनी दी।

नईम के भाई तस्लीम ने दावा किया कि पुलिस ने जबरन उनसे एक कोरे कागज पर अंगूठा लगवा लिया। उन्होंने कहा कि वह अनपढ़ हैं और उन्हें नहीं पता कि उस कागज पर क्या लिखा गया।

हिंसा की पृष्ठभूमि

संभल के कोट इलाके में 24 नवंबर को हुए साम्प्रदायिक तनाव के बाद 25 नवंबर को हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की जान चली गई। मृतकों में नईम, बिलाल, नोमान और कैफ शामिल हैं।

नईम के भाई तस्लीम ने बताया कि जब हिंसा हुई, तब नईम तेल और मैदा लेने जा रहे थे। उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि इलाके में तनाव है।

तनाव की जड़

19 नवंबर को अदालत में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया कि हिंसा के केंद्र में मौजूद मस्जिद वास्तव में हरिहर मंदिर थी। अदालत के आदेश पर इस दावे की जांच शुरू हुई, जिसके बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया।

24 नवंबर को जब सर्वेक्षण टीम ने मस्जिद के आसपास का निरीक्षण शुरू किया, तो भारी भीड़ जमा हो गई। नारेबाजी और पथराव के बाद हिंसा भड़क उठी।

पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद अब तक पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जिया-उर-रहमान बर्क और मोहम्मद महमूद के बेटे सोहेल के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।

अखिलेश यादव की मांग

अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है। उन्होंने पुलिस द्वारा कोरे कागज पर अंगूठा लगवाने और परिवार को धमकाने जैसी घटनाओं को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।

स्थिति अब भी तनावपूर्ण

घटना के बाद से संभल में भारी पुलिस बल तैनात है। इलाके में तनाव बना हुआ है और प्रशासन शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।

इस पूरे प्रकरण ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या कदम उठाता है और प्रशासन इन आरोपों का क्या जवाब देता है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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