Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 2:34 am

लेटेस्ट न्यूज़

ऐसी त्रासदी जीवन भर डराती है…एक रात ने तबाह कर दी कई लोगों की जिंदगियां, उजड़ गई बस्तियाँ, बिखर गया परिवार

22 पाठकों ने अब तक पढा

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

केरल के वायनाड जिले के मुंडक्कई, चूरलमाला और मल्लापुरम में भूस्खलन और बारिश ने विकराल तबाही मचाई है।

30 जुलाई की रात भारी बारिश और भूस्खलन ने पूरे क्षेत्र को ध्वस्त कर दिया, जिससे 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।

मुंडक्कई और चूरलमाला इलाके में नदी का पानी उफान पर था और भूस्खलन से रिहायशी इलाकों को भारी नुकसान हुआ। 

मुंडक्कई में भूस्खलन के पहले गांव के पूरी तरह से तबाह हो जाने की खबरें आई हैं। चूरलमाला में भी बाढ़ ने नदी किनारे के रिहायशी इलाकों को बहा दिया है।

इस विनाशकारी घटना में अनीता नाम की 9 साल की बच्ची भी लापता है। उसकी चाची अनीता की पहचान के लिए अपनी भतीजी की तस्वीरों के साथ मेपड्डी अस्पताल में भटक रही हैं, जहां शवों को पहचानने के लिए रखा गया है। 

अनीता की एक तस्वीर तब की है जब वह जिंदा थी और दूसरी भूस्खलन के बाद की है। शव खराब हालत में होने के कारण उसकी चाची शव को पहचान नहीं पा रही हैं। अनीता की चाची की बेबस आवाज़ और स्थिति सभी को झकझोर रही है।

अनीता की माँ का कुछ साल पहले निधन हो चुका था और वह अपने दादा थंगराज के साथ रह रही थी। थंगराज और उनकी बेटी अनीता के शव की तलाश कर रहे हैं। 

अनीता और उसके परिवार के पांच अन्य सदस्य भी इस हादसे में मारे गए हैं। परिवार के दो सदस्यों का शव अभी भी नहीं मिला है।

अमरावती नाम की एक स्थानीय महिला भी इस भूस्खलन से प्रभावित हुई है। उन्होंने अपने देवर और भतीजे को खो दिया है और अपनी आपबीती बीबीसी को सुनाई। 

अमरावती ने बताया कि भूस्खलन की रात उन्होंने और उनके पति ने अपनी जान बचाने के लिए बेटी के घर जाने का फैसला किया। लेकिन उनकी बहू ने सीढ़ी पर चढ़कर उन्हें बचाया और वे एक जंगल में रात बिताने के बाद बचाव दल द्वारा सुरक्षित किए गए। 

अमरावती का देवर और भतीजा भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं और उनकी तलाश जारी है।

चूरलमाला के पोन्नैयन भी इस तबाही से बचने में सफल रहे। उन्होंने अपने घर को भूस्खलन और बाढ़ से बचाने के लिए दुकान में रहना शुरू कर दिया था। 

हालांकि, उन्होंने अपने पड़ोसी और दोस्तों को इस आपदा में खो दिया। पोन्नैयन ने बताया कि भूस्खलन और बाढ़ ने सब कुछ बहा दिया और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ी पर चढ़ना पड़ा।

यह भूस्खलन और बाढ़ की आपदा वायनाड के लोगों के लिए एक भयानक घटना साबित हुई है। इस प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को तोड़ दिया है और पूरे इलाके में मानवीय और सामुदायिक संकट पैदा कर दिया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़