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अंतरराष्ट्रीय

सिर पे ताज सजनी थी “नवाज” को तो “शहनवाज” क्यों बन गए वजीर-ए-आजम…… 

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आत्माराम त्रिपाठी की खास रिपोर्ट

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाले गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार शाहबाज शरीफ को रविवार को पाकिस्तान का 24वां प्रधानमंत्री चुना गया। 

नेशनल असेंबली के स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने घोषणा की कि संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में रविवार को हुए मतदान में जीत हासिल करने के बाद श्री शरीफ को प्रधानमंत्री चुन लिया गया। 

पीएमएल-एन अध्यक्ष शरीफ ने मतदान के दौरान डाले गए कुल 293 वोटों में से 201 वोट हासिल करके चुनाव जीता। उन्होंने बताया कि श्री शरीफ के एकमात्र प्रतिद्वंद्वी सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संयुक्त उम्मीदवार उमर अयूब खान ने 92 वोट हासिल किए।

स्पीकर ने बताया कि जीत के लिए 336 सदस्यीय नेशनल असेंबली के कुल 169 वोटों की आवश्यकता थी। 

श्री शरीफ को पीएमएल-एन, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसदों, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान और अन्य सहयोगियों से वोट मिले। 

इससे पहले शुक्रवार को नेशनल असेंबली के सदस्यों ने श्री सादिक को सदन का स्पीकर और सैयद गुलाम मुस्तफा शाह को डिप्टी स्पीकर चुना। 

देश में आठ फरवरी 2024 को हुए आम चुनाव के बाद नये सदन का गठन किया गया है और नये स्पीकर तथा डिप्टी स्पीकर को चुना गया है।

शाहबाज़ शरीफ पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री चुने गए हैं। पाक संसद में उन्हें सबसे ज्यादा 201 वोट मिले। तो वहीं उनके प्रतिद्वंदी PTI के नेता उमर अयूब खान को सिर्फ 92 वोट मिले, इसके बाद स्पीकर ने प्रधानमंत्री के रूप में शाहबाज शरीफ के नाम की घोषणा की, इसके बाद PMLN और PPP समेत सभी पार्टियों के सदस्यों ने उनसे हाथ मिलाकर उन्हें बधाई दी। हालांकि वोटिंग की शुरुआत में ही माना जा रहा था कि शाहबाज़ शरीफ आसानी से इस रेस को जीत जाएंगे।

अब शाहबाज़ शरीफ कल यानी सोमवार 4 मार्च को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में सभी नेताओं को बुलावा भेजने की तैयारी की जा रही है। अब पाकिस्तान में जल्द ही गठबंधन की सरकार का गठन होगा और ये गठन शाहबाज शरीफ की PMLN और बिलावल भुट्टो की PPP में होगा, इसके साथ ही कई छोटी पार्टियों का समर्थन भी शाहबाज़ को मिला है।

गठबंधन में आ रही थीं कई दिक्कतें

दरअसल पाकिस्तान के चुनाव के नतीजों ने किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं दिया है। इसलिए मुख्य पार्टियां इमरान खान (Imran Khan) की PTI, नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की PML-N और बिलावल भुट्टो की PPP ने जोड़तोड़ और गठबंधन की सिय़ासत खेल खेला। बिलावल भुट्टो के PML-N को समर्थन देने के बाद पार्टी के अध्यक्ष शाहबाज़ शरीफ ने प्रेस-कांफ्रेंस कर ये भी बता दिया था कि उनका पार्टी से ही अब देश को नया प्रधानमंत्री मिलेगा। लेकिन PPP और PML-N के एक साथ आने के बावजूद वो बहुमत को छू भी नहीं पा रहे थे, ऐसे में उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) के दूसरे सियासी दलों और निर्दलियों का भी साथ लेना पड़ा।

क्या था Pakistan का चुनावी गणित ?

10 फरवरी को आए पाकिस्तान के चुनाव नतीजों ने हर किसी को हैरान कर दिया था, क्योंकि इन नतीजों में किसी को भी बहुमत नहीं मिला। पाकिस्तान में 266 सीटों पर मतदान हुआ था। जबकि यहां की नेशनल एसेंबली में 366 सीटें हैं, बाकी 70 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 10 सीटें गैर मुस्लिमों के लिए हैं और बाकी 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। 

इस चुनाव में इमरान खान की PTI ने 93 सीटें जीतीं, नवाज़ शरीफ़ की PML-N को महज़ 75 सीटें मिलीं और बिलावल भुट्टो की PPP को 54 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इनके अलावा दूसरे छोटे दलों को 21 सीटें मिली हैं। लेकिन सरकार के लिए जिस मैजिक नंबर यानी बहुमत की जरूरत थी, उसका आंकड़ा 134 था, जो इनमें से किसी भी दल के पास नहीं था।

पीएमएलएन के प्रवक्ता ने नवाज के फैसले को लेकर मीडिया के सामने जानकारी दी कि नवाज ने एक मसौदा तैयार करने को कहा कि पीएमएलएन की तरफ से मुल्क के पीएम कैंडिडेट उनके भाई शहबाज शरीफ ही होंगे और बेटी मरियम नवाज पंजाब की मुख्यमंत्री बनाई जाएंगी।

सेना की उम्मीदों खरे नहीं उतर पाए नवाज

दरअसल, पाकिस्तान लगातार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। ऐसे में इमरान खान की सरकार के खिलाफ पहले ही पाकिस्तानी सेना की प्लानिंग कर रही थी। इस बीच जब नवाज शरीफ जब वापस पाकिस्तान लौटे तो सेना को उनसे ही उम्मीद थी कि वे पाकिस्तान में इमरान को राजनीतिक तौर पर चुनौती देंगे लेकिन इमरान समर्थक पीPMटीआई के लीडर्स ने पाकिस्तान चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसके चलते नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन के लिए अकेले सरकार बनाना असंभव हो गया।

क्यों बनाया शहबाज शरीफ को PM?

नवाज शरीफ फिर से सपने तो देख रहे थे लेकिन उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत न मिलना उनके लिए झटका साबित हुआ। हालांकि शहबाज शरीफ ने पूरे चुनाव के दौरान नवाज को पीएम बनाने की बात कही। नवाज की पार्टी ने खुलकर कहा है कि नवाज केवल इसलिए पीएम नहीं बनना चाहते हैं क्योंकि उनकी पार्टी पीएमएलएन को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। नवाज ने चाहते हुए भी खंडित जनादेश के चलते खुद के बजाए पीएम बद के लिए अपने भाई नवाज को आगे कर दिया और बेटी मरियम नवाज पंजाब की मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया।

इस मुद्दे पर शहबाज शरीफ ने कहा कि पीएमएल (एन) के साथ हाथ मिलाने वाली अन्य पार्टियों को चुनाव के बाद संसद में “लगभग 2/3 बहुमत” प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार देश को संकट से बाहर निकालेगी। 

पाकिस्तान चुनाव आयोग के अनुसार, छह पार्टियों पीएमएल (एन), पीपीपी, एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू, आईपीपी (इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी द्वारा जीती गई सामान्य सीटों की कुल संख्या (बीएपी) के साथ आने से शहबाज़ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार का आंकड़ा 152 हो गया है। 

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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