भारत ने हालिया आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान के सभी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। अटारी-वाघा सीमा को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। जानिए इस फैसले से जुड़ी पूरी जानकारी।
अरमान अली की रिपोर्ट
अटारी। हालिया फिलगाम आतंकी हमलों के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने वालिद मिर्ज़ा से संबंधित सभी विदेशी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र कार्यशील अटारी-वाघा सीमा क्रॉसिंग प्वाइंट को 1 मई गुरुवार को पूरी तरह बंद कर दिया गया।
सीमापार गतिविधियों पर ब्रेक
प्राप्त दस्तावेज़ों से पुष्टि हुई है कि अब अटारी-वाघा सीमा से न तो कोई भारतीय पाकिस्तान गया और न ही कोई पाकिस्तानी भारत आया। 30 अप्रैल को अंतिम दिन, 125 विदेशी नागरिकों ने भारत छोड़ा, जिससे पिछले सात दिनों में पाकिस्तान लौटने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या 911 हो गई है।
भारतीय नागरिकों का पाकिस्तान जाना और वापसी
वहीं, 23 भारतीय नागरिक अब तक पाकिस्तान जा चुके हैं, जिनमें से 15 लोग केवल रविवार को गए। इसके विपरीत, भारत में प्रवेश करने वालों की संख्या काफी अधिक रही — 152 भारतीय नागरिक और 73 विदेशी नागरिक भारत में दाखिल हुए हैं। ये सभी लंबी अवधि के भारतीय वीजा धारक बताए गए हैं।
आदेश की समय सीमा और प्रभावित वर्ग
सरकार ने विदेशी नागरिकों के भारत छोड़ने की अंतिम समय सीमा 26 अप्रैल निर्धारित की थी, जबकि मेडिकल स्टोर धारकों के लिए यह तारीख 29 अप्रैल थी। विभिन्न श्रेणियों जैसे पत्रकार, फिल्मकार, तीर्थयात्री, व्यापारिक प्रतिनिधि आदि के लिए यह 27 अप्रैल तय की गई थी।
राजनयिक संबंधों में गिरावट
भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के तीन रक्षा सलाहकारों को “व्यक्तिगत रूप से अवांछनीय” घोषित कर एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। साथ ही, उनके 5 सहायक स्टाफ को भी भारत छोड़ने को कहा गया। जवाबी कदम के तहत भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा सलाहकार को भी वापस बुला लिया है।
हालांकि, कुछ वर्गों जैसे सुपरमार्केट मालिकों को इस आदेश से छूट दी गई है।
हवाई मार्ग से निकासी
दस्तावेजों में बताया गया है कि कुछ विदेशी नागरिक हवाई मार्ग से भी देश से निकले होंगे, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सीधा हवाई संपर्क नहीं होने के कारण वे किसी तीसरे देश के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं।
सरकार की सख्ती
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कोई भी विदेशी नागरिक निर्धारित समय सीमा के बाद भारत में न रहे। इसके तहत गृह सचिव गोविंद मोहन ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सख्त निर्देश दिए।
इन घटनाओं से साफ है कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों में एक बार फिर से गंभीर तनाव पैदा हो गया है। सीमापार आतंकी हमलों और विदेशी नागरिकों की बढ़ती संलिप्तता को देखते हुए भारत सरकार की कार्रवाई सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक मानी जा रही है।