पहलगाम नरसंहार के बाद से आतंकवादी अब भी इलाके में छिपे हो सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने तलाशी अभियान तेज किया है और 188 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। जानें पूरी खबर।
अरमान अली की रिपोर्ट
पहलगाम। हाल ही में हुए पहलगाम नरसंहार में शामिल आतंकवादी अभी भी सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से बाहर हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे बहुत दूर नहीं गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वे अभी भी पहलगाम और हपतगुंड के आसपास के जंगलों या बस्तियों में छिपे हो सकते हैं। सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सघन तलाशी अभियान में तेजी लाई गई है, जिसमें ड्रोन, खोजी कुत्तों, और स्थानीय खुफिया इनपुट का सहारा लिया जा रहा है।
भोजन के लिए घर में घुसे थे आतंकी, परिजनों ने स्केच से की पहचान
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले संदिग्ध आतंकवादियों ने एक स्थानीय घर में घुसकर भोजन किया और फिर मौके से फरार हो गए। इसके बाद जब सुरक्षा एजेंसियों ने हमले में शामिल आतंकियों के स्केच पीड़ित परिजनों को दिखाए, तो उन्होंने उनकी पहचान कर ली। इसके अलावा, सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि आतंकवादी पहले भी सैटेलाइट फोन का उपयोग कर चुके हैं, जिससे उनके नेटवर्क और संपर्कों की पड़ताल की जा रही है।
गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के आश्रयों की भी तलाशी जारी
इसके साथ ही, बैसरन और हपतगुंड के ऊपरी इलाकों में गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के अस्थायी आश्रयों की भी तलाशी ली जा रही है। कुछ समुदायजनों ने बताया कि उन्होंने कुछ अजनबियों को जंगल में घूमते देखा था, जिन्हें उन्होंने सामान्य ग्रामीण समझा था। अब आशंका है कि वे आतंकी ही हो सकते हैं, जो छिपने के लिए इन इलाकों का उपयोग कर रहे हैं।
188 संदिग्ध हिरासत में, 15 ओवरग्राउंड वर्कर पहले हो चुके हैं रिहा
सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम, अनंतनाग और आसपास के इलाकों से 188 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इनमें अधिकांश पूर्व आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर (OGWs) शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से 15 OGWs को कुछ समय पहले ही रिहा किया गया था। उन्होंने आतंकियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले गुप्त मार्गों और स्थानों के बारे में भी अहम जानकारी दी है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
स्थानीयों से संपर्क कर रही हैं सुरक्षा एजेंसियां
वर्तमान में, सुरक्षा एजेंसियां हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही हैं और स्थानीय लोगों से भी संपर्क कर रही हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि क्या उन्होंने हाल के दिनों में किसी अजनबी को देखा है। बस्तियों में आने-जाने वालों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।