चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने बड़ी सफलता हासिल की। पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकियों पर हमले के आरोपी तीन खालिस्तानी आतंकवादियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया।
यह ऑपरेशन पीलीभीत जिले के पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में किया गया। आतंकियों ने पंजाब से भागकर उत्तर प्रदेश में शरण ली थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया।
कौन थे ये आतंकी?
मारे गए आतंकवादियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि, और जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है। ये तीनों पंजाब के निवासी थे और खालिस्तानी कमांडो फोर्स से जुड़े थे।
1. गुरविंदर सिंह (उम्र: 25 वर्ष)
पंजाब के गुरदासपुर जिले के मोहल्ला कलानौर का निवासी। खालिस्तानी नेटवर्क का सक्रिय सदस्य और पुलिस पर हमले का आरोपी।
2. वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि (उम्र: 23 वर्ष)
पंजाब के गांव अगवान का रहने वाला। खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ मिलकर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने में शामिल।
3. जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (उम्र: 18 वर्ष)
पंजाब के ग्राम निक्का सूर का निवासी। महज 18 साल की उम्र में खालिस्तानी आंदोलन में शामिल होकर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था।
मुठभेड़ का विवरण
पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने इन आतंकियों को पीलीभीत जिले के पूरनपुर क्षेत्र में घेरा। काफी देर तक चली मुठभेड़ में तीनों आतंकी पुलिस फोर्स का सामना नहीं कर सके और गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बरामदगी और हथियार
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए। इनमें दो AK-47 राइफलें, दो ग्लॉक पिस्तौल और भारी संख्या में कारतूस शामिल हैं। यह इस बात का संकेत है कि आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में थे।
पुलिस की सतर्कता और संदेश
इस ऑपरेशन ने न केवल खालिस्तानी आतंकियों के मंसूबों को विफल कर दिया, बल्कि उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की सतर्कता को भी साबित किया। यह एनकाउंटर आतंकवाद के खिलाफ देश की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
पीलीभीत में हुआ यह ऑपरेशन दोनों राज्यों की पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से अन्य आतंकवादी समूहों को भी कड़ा संदेश मिलेगा।