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November 23, 2024 6:19 am

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एक जमीनी नेता, वर्चस्व इतना कि विरोधी भी मानते हैं लोहा

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। बुंदेलखंड की राजनीति में आर के सिंह पटेल एक जाना पहचाना नाम है जो अपनी राजनीतिक कुशलता के चलते शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक खासा मशहूर हैं जो विभिन्न राजनैतिक दलों से जनप्रतिनिधि बनकर जनता की सेवा में दशकों से जुटे हुए हैं l

पहाड़ी ब्लाक के बालापुर खालसा में 3 जुलाई 1959 को रामकृपाल सिंह पटेल का कृषक परिवार में जन्म हुआ अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही प्राप्त की व 1976 में आदर्श हलधर इण्टर कालेज कपना से हाईस्कूल पास किया और 1978में कृषक इण्टर कॉलेज भौंरी से इण्टर मीडियट की परीक्षा पास करने के बाद 1980में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया व इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति भी की l

छात्र राजनीति व स्नातक करने के बाद आर के सिंह पटेल ने कालीन बुनाई के कार्य से व्यापार शुरू किया और वर्ष 1990 में बसपा की सदस्यता लेने के बाद 1993 में कर्वी से चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा के भैरो प्रसाद से हार गए थे वर्ष 1996में पहली बार बसपा से विधायक बने और वर्ष1996 के बाद 2002 में बसपा से दोबारा विधायक बने तो सरकार में बाह्य सहायता आयातित एवं विज्ञान प्रौघौगिकी मंत्री का भी जिम्मा मिला वह 2007 में बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और सदर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लडा जिसमें बसपा के दिनेश प्रसाद मिश्रा से शिकस्त खानी पड़ी वहीं 2009 में समाजवादी पार्टी से सांसद बने l 2014 में सपा छोड़ फिर बसपा में वापसी की और भाजपा उम्मीदवार भैरों प्रसाद मिश्रा से चुनाव हारकर चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे l

16 जनवरी 2017 को लखनऊ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए हैं और 2017के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में मानिकपुर विधान सभा से चुनाव जीतकर विधायक बने इस विधानसभा चुनाव में अन्य पार्टियों के दिग्गज नेताओं को पटखनी दी जिसमें वर्तमान विधायक बसपा चन्द्रभान सिंह पटेल, पूर्व सदर विधायक दिनेश प्रसाद मिश्रा (लोकदल), सपा कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल व बसपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक दद्दू प्रसाद (बहुजन मुक्ति पार्टी) को करारी शिकस्त देते हुए लगभग 96हज़ार वोट पाकर विधायक बने वर्ष 2019में भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा का चुनाव लडा जिसमें सपा बसपा गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व सांसद (बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र) व वर्तमान सांसद (इलाहाबाद)श्यामाचरण गुप्ता, कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल व अन्य कई कद्दावर प्रत्याशियों को पटखनी देते हुए व वर्तमान सांसद के विरोध के बावजूद लगभग छह लाख से ज्यादा वोट हासिल कर संसद पहुंचने का काम किया था l

आर के सिंह पटेल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब बहुजन समाज पार्टी (डी एस 4) का नारा देकर राजनीतिक हलचल पैदा की थी उस समय ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य,सहित व्यापारियों व अन्य बहुजन समाज के लोगों द्वारा विधायक चुनकर विधानसभा भेजने का काम किया गया था वहीं समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रुप में लोकसभा चुनाव लडा जिसमें सवर्णों व दलितों ने भारी संख्या में वोट देकर संसद भवन भेजने का काम किया था वहीं भाजपा उम्मीदवार के रूप में मानिकपुर विधान सभा से चुनाव लडा और बसपा के चन्द्रभान सिंह पटेल, लोकदल के दिनेश प्रसाद मिश्रा, सपा कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल व बसपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक दद्दू प्रसाद सहित कई अन्य प्रत्याशियों को पटखनी देकर विधानसभा पहुंचे थे वहीं 2019के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र से भारी बहुमत से चुनाव जीतकर सांसद बने थे अपनी राजनीतिक कुशलता के चलते आर के सिंह पटेल शहरी क्षेत्रों व ग्रामीण अंचलों में जनता के बीच आज़ भी लोकप्रिय बने हुए हैं जिसके कारण आर के सिंह पटेल की राजनीतिक कुशलता का लोहा उनके विरोधी भी मानते हैं l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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